
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*आज का हिन्दू पंचांग*
⛅ *दिनांक – 12 मई 2022*
⛅ *दिन – गुरुवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)*
⛅ *शक संवत -1944*
⛅ *अयन – उत्तरायण*
⛅ *ऋतु – ग्रीष्म ऋतु*
⛅ *अमांत – 29 गते वैशाख मास प्रविष्टि*
⛅ *राष्ट्रीय तिथि – 21 वैशाख मास*
⛅ *मास – वैशाख*
⛅ *पक्ष – शुक्ल*
⛅ *तिथि – एकादशी शाम 06:51 तक तत्पश्चात द्वादशी*
⛅ *नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी शाम 07:30 तक तत्पश्चात हस्त*
⛅ *योग – हर्षण शाम 05:51 तक तत्पश्चात वज्र*
⛅ *राहुकाल – दोपहर 01:54 से शाम 03:35 तक*
⛅ *सूर्योदय – 05:26*
⛅ *सूर्यास्त – 19:02*
⛅ *दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण – मोहिनी एकादशी*
💥 *विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *मोहिनी एकादशी* 🌷
➡️ *11 मई 2022 बुधवार को शाम 07:32 से 12 मई, गुरुवार को शाम 06:51 तक एकादशी है ।*
💥 *विशेष – 12 मई, गुरुवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें।*
🙏🏻 *मोहिनी एकादशी ( उपवास से अनेक जन्मों के मेरु पर्वत जैसे महापापों का नाश )*
🙏🏻 *ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०१९ से*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *वैशाख मास के अंतिम ३ दिन दिलायें महापुण्य पुंज*
🙏🏻 *‘स्कंद पुराण’ के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में अंतिम ३ दिन, त्रयोदशी से लेकर पूर्णिमा तक की तिथियाँ बड़ी ही पवित्र और शुभकारक हैं | इनका नाम ‘ पुष्करिणी ’ हैं, ये सब पापों का क्षय करनेवाली हैं | जो सम्पूर्ण वैशाख मास में ब्राम्हमुहूर्त में पुण्यस्नान, व्रत, नियम आदि करने में असमर्थ हो, वह यदि इन ३ तिथियों में भी उसे करे तो वैशाख मास का पूरा फल पा लेता है |*
🙏🏻 *वैशाख मास में लौकिक कामनाओं का नियमन करने पर मनुष्य निश्चय ही भगवान विष्णु का सायुज्य प्राप्त कर लेता है | जो वैशाख मास में अंतिम ३ दिन ‘गीता’ का पाठ करता है, उसे प्रतिदिन अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है | जो इन तीनों दिन ‘श्रीविष्णुसहस्रनाम’ का पाठ करता है, उसके पुण्यफल का वर्णन करने में तो इस भूलोक व स्वर्गलोक में कौन समर्थ है | अर्थात् वह महापुण्यवान हो जाता है |*
🙏🏻 *जो वैशाख के अंतिम ३ दिनों में ‘भागवत’ शास्त्र का श्रवण करता है, वह जल में कमल के पत्तों की भांति कभी पापों में लिप्त नहीं होता | इन अंतिम ३ दिनों में शास्त्र-पठन व पुण्यकर्मों से कितने ही मनुष्यों ने देवत्व प्राप्त कर लिया और कितने ही सिद्ध हो गये | अत: वैशाख के अंतिम दिनों में स्नान, दान, पूजन अवश्य करना चाहिए |*
🙏🏻 *- Rishi Prasad May 2013*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
*🙏🌹जय श्री राधे राधे🌹🙏*
