
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
?️ *दिनांक – 17 नवम्बर 2024*
?️ *दिन – रविवार*
?️ *विक्रम संवत – 2081*
?️ *शक संवत -1946*
?️ *अयन – दक्षिणायन*
?️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
?️ *अमांत – 2 गते मार्गशीर्ष मास प्रविष्टि*
?️ *राष्ट्रीय तिथि – 26 कार्तिक मास*
?️ *मास – मार्गशीर्ष (गुजरात-महाराष्ट्र कार्तिक)*
?️ *पक्ष – कृष्ण*
?️ *तिथि – द्वितीया रात्रि 09:06 तक तत्पश्चात तृतीया*
?️ *नक्षत्र – रोहिणी शाम 05:22 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
?️ *योग – शिव रात्रि 08:21 तक तत्पश्चात सिद्ध*
?️ *राहुकाल – शाम 03:57 से शाम 05:16 तक*
?️ *सूर्योदय 06:44*
?️ *सूर्यास्त – 5:20*
? *दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे*
? *व्रत पर्व विवरण –
? *विशेष – *द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*? रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
? *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
? *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
? *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए* ?
? *18 नवम्बर 2024 सोमवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 07:55)*
?? *शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :*
? *ॐ गं गणपते नमः ।*
? *ॐ सोमाय नमः ।*
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? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *चतुर्थी तिथि विशेष* ?
?? *चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।*
? *हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।*
?? *पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।*
?? *शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥*
➡ *“ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *कोई कष्ट हो तो* ?
?? *हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |*
?? *छः मंत्र इस प्रकार हैं –*
? *ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।*
? *ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।*
? *ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।*
? *ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।*
? *ॐ अविघ्नाय नम:*
? *ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:*
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? *~ वैदिक पंचांग ~* ?पंचक आरम्भ
नवम्बर 9, 2024, शनिवार को 11:27 पी एम बजे
पंचक अंत
नवम्बर 14, 2024, बृहस्पतिवार को 03:11 ए एम बज
