ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 05 फरवरी 2023*
🌤️ *दिन – रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2079*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *अमांत – 22 गते माघ मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 16 माघ मास*
🌤️ *मास – माघ*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – पूर्णिमा रात्रि 11:58 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
🌤️ *नक्षत्र – पुष्य दोपहर 12:13 तक तत्पश्चात अश्लेशा*
*🌤️योग – आयुष्मान दोपहर 02:42 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
🌤️ *राहुकाल – शाम 04:32 से शाम 05:53 तक*
*🌞 सूर्योदय- 07:05*
🌦️ *सूर्यास्त – 17:58*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- माघी पूर्णिमा,माघ स्नान समाप्त,रविपुष्यामृत योग (सूर्योदय से दोपहर 12:13 तक)*
*🔥विशेष – पूर्णिमा और रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
👉🏻 *माघी पूर्णिमा पर इस मंत्र की एक माला करे कष्ट बाधा होंगे दूर | इस दिन विष्णुजी की पूजा करके इस वस्तु के दान से विशेष फल* ⤵️
🌷 *कष्ट-बाधा और पितृदोष का उपाय* 🌷
🙏🏻 *सदगुरु या इष्ट का ध्यान करते हुए निम्नलिखित शिव-गायत्री मंत्र की एक माला सुबह अथवा शाम की संध्याओं में कभी भी कुछ दिन जपने से पितृदोष, कष्ट-बाधा दूर हो जाते हैं तथा पितर भी प्रसन्न होते हैं | जब पितर प्रसन्न होते हैं तो घर में सुख-समृद्धि, वंशवृद्धि व सर्वत्र उन्नति देते हैं |*
👉🏻 *मंत्र*
🌷 *ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि | तन्नो रुद्र: प्रचोदयात् ||*
*(लिंग पुराण, उत्तर भाग :४८.७)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *माघी पूर्णिमा* 🌷
🙏🏻 *(05 फरवरी, रविवार) माघ मास की पूर्णिमा है। धर्म ग्रंथों में इसे माघी पूर्णिमा कहा गया है। इस पूर्णिमा पर संयम से रहना, सुबह स्नान करना एवं व्रत, दान करना आदि नियम बताए गए हैं। इस समय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए इस समय व्रत करने से शरीर रोगग्रस्त नहीं होता एवं आगे आने वाले समय के लिए सकारात्मकता प्राप्त होती है।*
🙏🏻 *माघी पूर्णिमा की सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। फिर पितरों का श्राद्ध कर निशक्तजनों को भोजन, वस्त्र, तिल, कंबल, कपास, गुड़, घी, जूते, फल, अन्न आदि का दान करें। इस दिन सोने एवं चांदी का दान भी किया जाता है। गौ दान का विशेष फल प्राप्त होता है।*
🙏🏻 *इसी दिन संयमपूर्वक आचरण कर व्रत करें। इस दिन ज्यादा जोर से बोलना या किसी पर क्रोध नहीं करना चाहिए। गृह क्लेश से बचना चाहिए। गरीबों एवं जरुरतमंदों की सहायता करनी चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपके द्वारा या आपके मन, वचन या कर्म के माध्यम से किसी का अपमान न हो। इस प्रकार संयमपूर्वक व्रत करने से व्रती को पुण्य फल प्राप्त होते हैं।