ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक -05 अगस्त 2024*
🌤️ *दिन – सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – वर्षा ॠतु*
🌦️ *अमांत 22 गते श्रावण मास प्रविष्टि*
🌦️ *राष्ट्रीय तिथि 15आषाढ़ मास*
🌤️ *मास – श्रावण*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – प्रतिपदा शाम 06:03 तक तत्पश्चात द्वितीया*
🌤️ *नक्षत्र – अश्लेशा शाम 03:21 तक तत्पश्चात मघा*
🌤️ *योग – व्यतीपात सुबह 10:38 तक तत्पश्चात वरीयान*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 07:23 से सुबह 09:03 तक*
🌤️ *सूर्योदय -05:39*
🌤️ *सूर्यास्त- 19:07*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- अमावस्यांत श्रावण मास आरंभ,चंद्र-दर्शन (रात्रि 07:06 से 07:52 तक*
💥 *विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *श्रावण में रुद्राभिषेक करने का महत्व* 🌷
*“रुद्राभिषेकं कुर्वाणस्तत्रत्याक्षरसङ्ख्यया, प्रत्यक्षरं कोटिवर्षं रुद्रलोके महीयते।* *पञ्चामृतस्याभिषेकादमृत्वम् समश्नुते।। ”*
🙏🏻 *श्रावण में रुद्राभिषेक करने वाला मनुष्य उसके पाठ की अक्षर-संख्या से एक-एक अक्षर के लिए करोड़-करोड़ वर्षों तक रुद्रलोक में प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। पंचामृत का अभिषेक करने से मनुष्य अमरत्व प्राप्त करता है।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *श्रावण मास में भूमि पर शयन* 🌷
🌷 *”केवलं भूमिशायी तु कैलासे वा समाप्नुयात” – स्कन्दपुराण*
🙏🏻 *श्रावण मास में भूमि पर शयन करने से मनुष्य कैलाश में निवास प्राप्त करता है।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *पार्थिव शिवलिंग* 🌷
🙏🏻 *जो पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर एकबार भी उसकी पूजा कर लेता है, वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है, शिवलिंग के अर्चन से मनुष्य को प्रजा, भूमि, विद्या, पुत्र, बान्धव, श्रेष्ठता, ज्ञान एवं मुक्ति सब कुछ प्राप्त हो जाता है | जो मनुष्य ‘शिव’ शब्द का उच्चारण कर शरीर छोड़ता है वह करोड़ों जन्मों के संचित पापों से छूटकर मुक्ति को प्राप्त हो जाता है |’*
🙏🏻 *कलियुग में पार्थिव शिवलिंग पूजा ही सर्वोपरि है ।*
*कृते रत्नमयं लिंगं त्रेतायां हेमसंभवम्*
*द्वापरे पारदं श्रेष्ठं पार्थिवं तु कलौ युगे (शिवपुराण)*
🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार पार्थिव शिवलिंग का पूजन सदा सम्पूर्ण मनोरथों को देनेवाला हैं तथा दुःख का तत्काल निवारण करनेवाला है |*
🌷 *पार्थिवप्रतिमापूजाविधानं ब्रूहि सत्तम ॥*
*येन पूजाविधानेन सर्वाभिष्टमवाप्यते ॥*
🙏🏻 *अग्निपुराण के अनुसार*
🌷 *त्रिसन्ध्यं योर्च्चयेल्लिङ्गं कृत्वा विल्वेन पार्थिवम् ।*
*शतैकादशिकं यावत् कुलमुद्धृत्य नाकभाक् ।। ३२७.१५ ।। अग्निपुराण*
🙏🏻 *जो मनुष्य प्रतिदिन तीनों समय पार्थिव लिङ्ग का निर्माण करके बिल्वपत्रों से उसका पूजन करता है, वह अपनी एक सौ ग्यारह पीढ़ियों का उद्धार करके स्वर्गलोक को प्राप्त होता है।*
🙏🏻 *स्कंदपुराण के अनुसार*
*प्रणम्य च ततो भक्त्या स्नापयेन्मूलमंत्रतः॥*
*ॐहूं विश्वमूर्तये शिवाय नम॥*
*इति द्वादशाक्षरो मूलमंत्रः॥ ४१.१०२ ॥*
🙏🏻 *”ॐ हूं विश्वमूर्तये शिवाय नमः” यह द्वादशाक्षर मूल मंत्र है। इससे शिवलिंग को स्नान कराना चाहिए।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞पंचक
अगस्त में पंचक का आरंभ 19 अगस्त, सोमवार को शाम को 07 बजकर 01 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इसका समापन 23 अगस्त, शुक्रवार को रात्रि 07 बजकर 58 मिनट पर होगा।