ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 18 जनवरी 2023*
🌤️ *दिन – * बुधवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2079*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *अमांत – 4 गते माघ मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 28 पौष मास*
🌤️ *मास – माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार पौष मास)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – एकादशी शाम 04:03 तक तत्पश्चात द्वादशी*
🌤️ *नक्षत्र – अनुराधा शाम 05:23 तक तत्पश्चात जेष्ठा*
*🌤️योग- *वृद्धि 19 जनवरी रात्रि 02:47 तक तत्पश्चात ध्रुव*
🌤️ *राहुकाल – दोपहर 12:27 से दोपहर 01:45 तक*
*🌞 सूर्योदय- 07:13*
🌦️ *सूर्यास्त – 17:42* सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में जिलेवार अंतर संभव है
👉 *दिशाशूल – उत्तर दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- षटतिला एकादशी*
🔥 *विशेष -हर एकादशी को विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l
राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र की हानि होती है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞तनाव और नकारात्मकता से बचने के लिए हफ्ते में कम से कम बार नहाने के पानी में एक चम्मच समुद्री नमक मिलाकर स्नान करें.
🌷 *षट्तिला एकादशी* 🌷
➡️ *17 जनवरी 2023 मंगलवार को शाम 06:06 से 18 जनवरी, बुधवार को शाम 04:03 तक एकादशी है।*
💥 *विशेष – 18 जनवरी, बुधवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें ।*
🙏🏻 *इस दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन तिल का उपयोग 6 कामों में करने का विधान है। ये 6 काम इस प्रकार हैं-*
🌷 *तिलस्नायी तिलोद्वार्ती तिलहोमी तिलोद्की।*
*तिलभुक् तिलदाता च षट्तिला: पापनाशना:।।*
🙏🏻 *अर्थात- इस दिन तिलों के जल से स्नान, तिल का उबटन, तिल से हवन, तिल मिले जल को पीने, तिल का भोजन तथा तिल का दान करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है।*
👉🏻 *तिल का इन 6 कामों में करें उपयोग, होंगे ये फायदे*
1⃣ *तिल मिले जल से स्नान*
*ठंड के मौसम में त्वचा रुखी हो जाती है। तिल मिले पानी से स्नान करने से त्वचा चमकदार व कोमल हो जाती है।*
2⃣ *तिल का उबटन*
*तिल का उबटन लगाने से त्वचा संबंधी रोग अपने आप ही समाप्त हो जाते हैं।*
3⃣ *तिल मिला जल पीना*
*तिल मिला पानी पीने से पाचन तंत्र व्यवस्थित होता है। अनिद्रा में भी राहत मिलती है।*
4⃣ *तिल का भोजन*
*ठंड के मौसम में तिल से बनी चीजें खाने से शरीर को पर्याप्त गर्मी व ऊर्जा मिलती है।*
5⃣ *तिल का दान*
*तिल का दान करने से पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु अपने भक्त पर प्रसन्न होते हैं।*
6⃣ *तिल का हवन*
*तिल का हवन करने पर वायुमंडल सुगंधित होता हैं।*
💥 *विशेष – सूर्यास्त के बाद कोई भी तिलयुक्त पदार्थ नहीं खाना चाहिए।(मनु स्मृतिः 4.75)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞यदि तनाव हो तो तांबे के लोटे में जल भरकर उसे सिरहाने रखकर सोएं. अगले दिन सुबह उसे बाहर फेंक दें. तनाव से राहत मिलेगी.
🌷 *षट्तिला एकादशी* 🌷
👉🏻 *षट्तिला एकादशी के दिन | स्नान, उबटन जिसमे जौ और तिल पड़ा हो | जौ डाला हुआ पानी पीना, तिल डाला हुआ पानी लेना, तिल मिश्रित भोजन करना, तिल का दान करना, तिल का होम करना ये पापनाशक प्रयोग है |*
🙏🏻
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞घर में सुबह-शाम कपूर जलाएं. इस घर में सकारात्मकता रहती है. बरकत होती है.
🌷 *षटतिला एकादशी* 🌷
➡ *इन 6 कामों में करें तिल का उपयोग*
🙏🏻 *षटतिला एकादशी व्रत में तिल का छ: रूपों में उपयोग करना उत्तम फलदाई माना जाता है। जो व्यक्ति जितने रूपों में तिल का उपयोग तथा दान करता है, उसे उतने हजार वर्ष तक स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है। षटतिला एकादशी पर 6 प्रकार से तिल के उपयोग तथा दान की बात कही है, वह इस प्रकार है-*
🌷 *तिलस्नायी तिलोद्वार्ती तिलहोमी तिलोद्की।*
*तिलभुक् तिलदाता च षट्तिला: पापनाशना:।।*
➡ *अर्थात- इस दिन तिलों के जल से स्नान, तिल का उबटन, तिल से हवन, तिल मिले जल को पीने, तिल का भोजन तथा तिल का दान करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, षटतिला एकादशी के दिन हमें पद्मपुराण के ही एक अंश का श्रवण और ध्यान करना चाहिए। इस दिन काले तिल व काली गाय दान करने का विशेष महत्व है।