
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 23 मई 2025*
🌤️ *दिन – शुक्रवार*
🌤️ *विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
🌤️ *अमांत – 10 गते ज्येष्ठ मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 2 ज्येष्ठ मास*
🌤️ *मास – ज्येष्ठ (गुजरात-महाराष्ट्र वैशाख)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – एकादशी रात्रि 10:29 तक तत्पश्चात द्वादशी*
🌤️ *नक्षत्र – उत्तरभाद्रपद शाम 04:02 तक तत्पश्चात रेवती*
🌤️ *योग -प्रीति शाम 06:37 तक तत्पश्चात आयुष्मान*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 10:31 से दोपहर 12:14 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 05:20*
🌤️ *सूर्यास्त – 07:09*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- अपरा-जलक्रीडा-भद्रकाली एकादशी;पंचक*
💥 *विशेष- *हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *अपरा एकादशी* 🌷
➡️ *22 मई 2025 गुरूवार को रात्रि 01:12 यानि (23 मई 01:12 AM) से 23 मई, शुक्रवार को रात्रि 10:29 तक एकादशी है।*
💥 *विशेष – 23 मई, शुक्रवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।*
🙏🏻 *‘अपरा एकादशी’ को उपवास करके भगवान वामन की पूजा करने से मनुष्य सब पापों से मुक्त हो श्रीविष्णुलोक में प्रतिष्ठित होता है ।इसका महात्म पढ़ने और सुनने से सहस्र गौदान का फल मिलता है ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *शनिप्रदोष व्रत* 🌷
🙏🏻 *हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 24 मई, शनिवार को शनिप्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…*
👉🏻 *ऐसे करें व्रत व पूजा*
🙏🏻 *- प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।*
🙏🏻 *- इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।*
🙏🏻 *- पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।*
👉🏻 *ये उपाय करें*
*सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞मई पंचक 2025 तिथि
पंचक आरंभ: मई 20, 2025, मंगलवार, प्रातः 07:35 बजे
पंचक अंत: मई 24, 2025, शनिवार को दोपहर 01:48 बजे
जून पंचक 2025 तिथि
पंचक आरंभ: जून 16, 2025, सोमवार, दोपहर 01:10 बजे
पंचक अंत: जून 20, 2025, शुक्रवार, रात्रि 09:45 बजे
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