ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌤️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 21 मई 2023*
🌤️ *दिन – रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
🌤️ *मास – ज्येष्ठ*
🌤️ *अमांत – 7 गते जयेष्ठ मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 29 गते वैशाख मास*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – द्वितीया रात्रि 10:09 तक तत्पश्चात तृतीया*
🌤️ *नक्षत्र – रोहिणी सुबह 09:05 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*🌤️योग – सुकर्मा शाम 04:44 तक तत्पश्चात धृति*
🌤️ *राहुकाल – शाम 05:22 से शाम 07:02 तक*
🌞 *सूर्योदय-05:21*
🌤️ *सूर्यास्त- 19:07*
👉 *दिशाशूल- पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण –
🔥 *विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*💥 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *लू से बचने के लिए* 🌷
🥵 *लू से बचने के लिए तेज धूप में घर से बाहर निकलते समय पानी पीकर एवं जूते व टोपी पहन के ही निकलें | एक साबुत प्याज साथ में रखें | लू लगने पर मोसम्बी के रस का सेवन बहुत ही लाभदायी हैं |*
🙏🏻 *ऋषिप्रसाद – मई २०२० से*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *संम्पति और सौभाग्य की बढ़ोतरी के लिए* 🌷
🙏🏻 *भविष्य पुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष के तृतीया के दिन रम्भा व्रत आता है… 22 मई 2023 सोमवार को । इस दिन व्रत करने से और जप करने से संम्पति और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है | माँ पार्वती ने भी ये व्रत किया था | सुहागन देवी को खास करना चाहिए …जिनके घर में शादी के बाद दिक्कतें आ रही हैं, उन बहनों को आप बता सकते हो | इस दिन तीन मंत्र बोल कर माँ पार्वती को प्रणाम करना चाहिए …*
🌷 *ॐ महाकाल्यै नमः*
🌷 *ॐ महालक्ष्म्यै नमः*
🌷 *ॐ महासरस्वत्यै नमः*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *ससुराल मे कोई तकलीफ* 🌷
👩🏻 *किसी सुहागन बहन को ससुराल में कोई तकलीफ हो तो शुक्ल पक्ष की तृतीया को उपवास रखें …उपवास माने एक बार बिना नमक का भोजन कर के उपवास रखें..भोजन में दाल चावल सब्जी रोटी नहीं खाए, दूध रोटी खा लें..शुक्ल पक्ष की तृतीया को..अमावस्या से पूनम तक की शुक्ल पक्ष में जो तृतीया आती है उसको ऐसा उपवास रखें …नमक बिना का भोजन(दूध रोटी) , एक बार खाए बस ।