
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

? *~वैदिक पंचांग ~* ?
?️ *दिनांक – 27 मार्च 2025*
?️ *दिन – गुरूवार*
?️ *विक्रम संवत – 2081*
?️ *शक संवत -1946*
?️ *अयन – उत्तरायण*
?️ *ऋतु – वसंत ॠतु*
?️ *अमांत – 14 गते चैत्र मास प्रविष्टि*
?️ *राष्ट्रीय तिथि – 6 चैत्र मास*
?️ *मास – चैत्र (गुजरात-महाराष्ट्र फाल्गुन)*
?️ *पक्ष – कृष्ण*
?️ *तिथि – त्रयोदशी रात्रि 11:03 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
?️ *नक्षत्र – शतभिषा रात्रि 12:34 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद*
?️ *योग – साध्य सुबह 09:25 तक तत्पश्चात शुभ*
?️ *राहुकाल – दोपहर 01:54 से शाम 03:26 तक*
?️ *सूर्योदय – 06:14*
?️ *सूर्यास्त – 06:31*
? *दिशाशूल – दक्षिण दिशा मे*
? *व्रत पर्व विवरण- प्रदोष व्रत,मासिक शिवरात्रि,वारूणी योग (सूर्योदय से सूर्यास्त तक),पंचक*
? *विशेष- त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *वारुणी योग* ?
?? *वारुणी योग चैत्र माह में बनने वाला एक पुण्यप्रद महायोग है जिसका वर्णन विभिन्न पुराणों में मिलता है। यह महायोग तीन प्रकार का होता है।*
?? *चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को शतभिषा और शनिवार हो तो महावारुणी*
?? *चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को वारुण नक्षत्र (शतभिषा) हो तो वारुणी योग (27 मार्च 2025 गुरुवार को (सूर्योदय से सूर्यास्त तक)*
?? *चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को शतभिषा नक्षत्र, शनिवार और शुभ योग (कुल 27 योगों में से 23वां योग) हो तो महामहावारुणी पर्व होता है।*
?? *इस महायोग में गंगा आदि तीर्थ स्थानों में स्नान, दान और उपवास करने से करोड़ों सूर्य ग्रहणों के समान फल प्राप्त होता है।*
? *आइये देखते हैं विभिन्न शास्त्र क्या कहते हैं*
?? *भविष्यपुराण के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी यदि शनिवार या शतभिषा से युक्त हो तो वह महावारुणी पर्व कहलाता है | इसमें किया गया स्नान, दान एवं श्राद्ध अक्षय होता है।*
? *चैत्रे मासि सिताष्टम्यां शनौ शतभिषा यदि । गंगाया यदि लभ्येत सूर्यग्रहशतैः समा ।।*
*सेयं महावारुणीति ख्याता कृष्णत्रयोदशी । अस्यां स्नानं च दानं च श्राद्धं वाक्षयमुच्यते ।।*
? *नारदपुराण*
*वारुणेन समायुक्ता मधौ कृष्णा त्रयोदशी ।।*
*गंगायां यदि लभ्येत सूर्यग्रहशतैः समा ।। ४०-२० ।।*
? *स्कन्दपुराण*
*”वारुणेन समायुक्ता मधौ कृष्णा त्रयोदशी। गङ्गायां यदि लभ्येत सूर्यग्रहशतैः समा॥*
*शनिवारसमायुक्ता सा महावारुणी स्मृता। गङ्गायां यदि लभ्येत कोटिसूर्यग्रहैः समा॥”*
? *देवीभागवत पुराण*
*”वारुणं कालिकाख्यञ्च शाम्बं नन्दिकृतं शुभम्।*
*सौरं पाराशरप्रोक्तमादित्यं चातिविस्तरम्॥”*
? *त्रिस्थलीसेतु*
*चैत्रासिते वारुणऋक्षयुक्ता त्रयोदशी सूर्यसुतस्य वारे।*
*योगे शुभे सा महती महत्या गंगाजलेर्कग्रहकोटितुल्या।।*
? *27 मार्च 2025 गुरुवार को सूर्योदय से सूर्यास्त 10:49 तक वारुणी योग है ।*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए* ?
➡️ *29 मार्च 2025 शनिवार को चैत्री अमावस्या एवं दर्श अमावस्या है।*
? *घर में हर अमावस अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।*
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? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *अमावस्या* ?
?? *अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है (विष्णु पुराण)*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए* ?
? *हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।*
? *सामग्री : १. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गूगल, ७. गुड़, ८. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।*
? *विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।*
? *आहुति मंत्र* ?
? *१. ॐ कुल देवताभ्यो नमः*
? *२. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः*
? *३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः*
? *४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः*
? *५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?पंचक
26 मार्च, 2025 (बुधवार) को दोपहर 3:14 बजे शुरू होकर 30 मार्च, 2025 (रविवार) को शाम 4:35 बजे समाप्त होगा.
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