ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 14 जनवरी 2023*
🌤️ *दिन – * शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2079*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *अमांत – 30 गते पौष मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 25 पौष मास*
🌤️ *मास – माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार पौष मास)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – सप्तमी शाम 07:22 तक तत्पश्चात अष्टमी*
🌤️ *नक्षत्र – हस्त शाम 06:14 तक तकतत्पश्चात चित्रा*
🌤️ *योग – अतिगण्ड दोपहर 12:034 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:52 से सुबह 11:09 तक*
*🌞 सूर्योदय- 07:14*
🌦️ *सूर्यास्त – 17:39*
👉 *दिशाशूल -पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- धनुर्मास समाप्त*
🔥 *विशेष -सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *उत्तरायण / सूर्य मंत्र* 🌷
🙏🏻 *इसका जप करें । वो ब्रह्मवेत्ता महाव्याधि और भय, दरिद्रता और पाप से मुक्त हो जाता है ।*
🌞 *सूर्य देव का मूल मंत्र है –*
🌷 *ॐ ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नमः ।*
🙏🏻 *ये पद्म पुराण में आता है ….*
🌞 *सूर्य नमस्कार करने से ओज, तेज और बुद्धि की बढोत्तरी होती है |*
🌷 *ॐ सूर्याय नमः ।*
🌷 *ॐ रवये नमः ।*
🌷 *ॐ भानवे नमः ।*
🌷 *ॐ खगाय नमः ।*
🌷 *ॐ अर्काय नमः ।*
🙏🏻 *सूर्य नमस्कार करने से आदमी ओजस्वी, तेजस्वी और बलवान बनता है इसमें प्राणायाम भी हो जाते हैं ।*
💥 *विशेष -15 जनवरी 2023 रविवार को मकर संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से सूर्यास्त तक) है ।*
🙏🏻
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞*🕉️ मकर सक्रांति 🕉️*
*15 जनवरी 2023 रविवार*
*इस साल मकर संक्रांति का त्यौहार 15 जनवरी 2023 रविवार के दिन मनाया जाएगा।*
ये सूर्य की उपासना का पर्व है, सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने पर खरमास की भी समाप्ति हो जाती है और सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं।
पुराणों के अनुसार मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होते हैं और ऐसे शुभ संयोग में मकर संक्रांति पर स्नान, दान, मंत्र जप और सूर्य उपासना से अन्य दिनों में किए गए दान-धर्म से अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है।।
* मकर संक्रांति का पुण्य और महापुण्य काल समय-:*
*सूर्य का मकर राशि में प्रवेश-:*
14 जनवरी 2023 शनिवार को
रात 08.51पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
*पुण्य काल का समय-:*
15 जनवरी 2023 रविवार,
सुबह 07:17- शाम 05:45 तक
*महा-पुण्य काल का समय-:*
15 जनवरी 2023 रविवार,
सुबह 07:17 – सुबह 09:00 तक
अवधि – 01 घण्टा 42 मिनट
*🔯 पुण्य-महापुण्य काल का महत्व-:*
मकर संक्रांति पर पुण्य और महापुण्य काल का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन से स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं. मकर संक्रांति के पुण्य और महापुण्य काल में गंगा स्नान, सूर्योपासना,दान, मंत्र जप करने व्यक्ति के जन्मों के पाप धुल जाते है।
*स्नान—:*
मकर सक्रांति वाले दिन सबसे पहले प्रातः किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए, यदि यह संभव ना हो सके तो अपने नहाने के जल में थोड़ा गंगाजल डालकर स्नान करें।।
*सूर्योपासना—:*
प्रातः स्नान के बाद उगते हुए सूर्य नारायण को तांबे के पात्र में जल, गुड, लाल पुष्प, गुलाब की पत्तियां, कुमकुम, अक्षत आदि मिलाकर जल अर्पित करना चाहिए।
*गायत्री मंत्र जप–:*
सूर्य उपासना के बाद में कुछ देर आसन पर बैठकर गायत्री मंत्र के जप करने चाहिए, अपने इष्ट देवी- देवताओं की भी उपासना करें।।
*गाय के लिए दान—:*
पूजा उपासना से उठने के बाद गाय के लिए कुछ दान अवश्य निकालें जैसे- गुड, चारा इत्यादि।
*पितरों को भी करे याद-:*
इस दिन अपने पूर्वजों को प्रणाम करना ना भूलें, उनके निमित्त भी कुछ दान अवश्य निकालें।
इस दिन पितरों को तर्पण करना भी शुभ होता है। इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
*गरीब व जरूरतमंदों के लिए दान-:*
इस दिन गरीब व जरूरतमंदों को जूते, चप्पल, (चप्पल-जूते चमड़े के नहीं होने चाहिए) अन्न, तिल, गुड़, चावल, मूंग, गेहूं, वस्त्र, कंबल, का दान करें। ऐसा करने से शनि और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।।
*परंपराओं का भी रखें ध्यान-:*
मकर सक्रांति का त्यौहार मनाने में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग- अलग परंपराएं हैं, अतः आप अपनी परंपराओं का भी ध्यान रखें। अर्थात अपने क्षेत्रीय रीति-रिवाजों के अनुसार मकर संक्रांति का त्यौहार मनाए।।
🌷 *मकर संक्रांति* 🌷
🌷 *नारद पुराण के अनुसार*
*“मकरस्थे रवौ गङ्गा यत्र कुत्रावगाहिता । पुनाति स्नानपानाद्यैर्नयन्तीन्द्रपुरं जगत् ।।”*
🌞 *सूर्य के मकर राशिपर रहते समय जहाँ कहीं भी गंगा में स्नान किया जाय , वह स्नान आदि के द्वारा सम्पूर्ण जगत् को पवित्र करती और अन्त में इन्द्रलोक पहुँचाती है।*
🌷 *पद्मपुराण के सृष्टि खंड अनुसार मकर संक्रांति में स्नान करना चाहिए। इससे दस हजार गोदान का फल प्राप्त होता है। उस समय किया हुआ तर्पण, दान और देवपूजन अक्षय होता है।*
🌷 *गरुड़पुराण के अनुसार मकर संक्रान्ति, चन्द्रग्रहण एवं सूर्यग्रहण के अवसर पर गयातीर्थ में जाकर पिंडदान करना तीनों लोकों में दुर्लभ है।*
👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन लक्ष्मी प्राप्ति व रोग नाश के लिए गोरस (दूध, दही, घी) से भगवान सूर्य, विपत्ति तथा शत्रु नाश के लिए तिल-गुड़ से भगवान शिव, यश-सम्मान एवं ज्ञान, विद्या आदि प्राप्ति के लिए वस्त्र से देवगुरु बृहस्पति की पूजा महापुण्यकाल / पुण्यकाल में करनी चाहिए।*
👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन तिल (सफ़ेद तथा काले दोनों) का प्रयोग तथा तिल का दान विशेष लाभकारी है। विशेषतः तिल तथा गुड़ से बने मीठे पदार्थ जैसे की रेवड़ी, गजक आदि। सुबह नहाने वाले जल में भी तिल मिला लेने चाहिए।*
🌷 *विष्णु पुराण, द्वितीयांशः अध्यायः 8 के अनुसार*
*कर्कटावस्थिते भानौ दक्षिणायनमुच्यते । उत्तरायणम्प्युक्तं मकरस्थे दिवाकरे ।।*
🌞 *सूर्य के कर्क राशि में उपस्थित होने पर दक्षिणायन कहा जाता है और उसके मकर राशि पर आने से उत्तरायण कहलाता है ॥*
🌷 *धर्मसिन्धु के अनुसार*
*तिलतैलेन दीपाश्च देया: शिवगृहे शुभा:। सतिलैस्तण्डुलैर्देवं पूजयेद्विधिवद् द्विजम्।। तस्यां कृष्ण तिलै: स्नानं कार्ये चोद्वर्त्नम तिलै: . तिला देवाश्च होतव्या भक्ष्याश्चैवोत्तरायणे*
👉🏻 *उत्तरायण के दिन तिलों के तेल के दीपक से शिवमंदिर में प्रकाश करना चाहिए , तिलों सहित चावलों से विधिपूर्वक शिव पूजन करना चाहिए. ये भी बताया है की उत्तरायण में तिलों से उबटन, काले तिलों से स्नान, तिलों का दान, होम तथा भक्षण करना चाहिए .*
🌞 *अत्र शंभौ घृताभिषेको महाफलः . वस्त्रदानं महाफलं*
👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन महादेव जी को घृत से अभिषेक (स्नान) कराने से महाफल होता है . गरीबों को वस्त्रदान से महाफल होता है .*
🌞 *अत्र क्षीरेण भास्करं स्नानपयेव्सूर्यलोकप्राप्तिः*
👉🏻 *इस संक्रांति को दूध से सूर्य को स्नान करावै तो सूर्यलोक की प्राप्ति होती है .*
🌷 *नारद पुराण के अनुसार “क्षीराद्यैः स्नापयेद्यस्तु रविसंक्रमणे हरिम् । स वसेद्विष्णुसदने त्रिसप्तपुरुषैः सह ।।”*
🌞 *जो सूर्यकी संक्रान्तिके दिन दूध आदिसे श्रीहरिको नहलाता है , वह इक्कीस पीढ़ियोंके साथ विष्णुलोक में वास करता है।*
वैदिक पंचांग