
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*आज का हिन्दू पंचांग*
🌤️ *दिनांक – 29 मई 2022*
🌤️ *दिन – रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – ग्रीष्म ऋतु*
🌤️ *अमांत – 15 गते ज्येष्ठ मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 8 ज्येष्ठ मास*
🌤️ *मास – ज्येष्ठ (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार – वैशाख)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – चतुर्दशी दोपहर 02:54 तक तत्पश्चात अमावस्या*
🌤️ *नक्षत्र – कृतिका पूर्ण रात्रि तक*
🌤️ *योग – अतिगण्ड रात्रि 10:54 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
🌤️ *राहुकाल – शाम 05:24 से शाम 07:07तक*
🌞 *सूर्योदय – 05:18*
🌦️ *सूर्यास्त – 19:11*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण –
🔥 *विशेष – चतुर्दशी और रविवार, एवं व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌞 ~ *हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
🌷 *शनि जयंती* 🌷
🙏🏻 *शास्त्रों के अनुसार शनि देवजी का जन्म ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को रात के समय हुआ था।*
➡ *इस बार शनि जयंती 30 मई 2022 सोमवार को पड़ रही है।*
🌞 *सुबह जल्दी स्नान आदि से निवृत्त होकर सबसे पहले अपने इष्टदेव, गुरु और माता-पिता का आशीर्वाद लें।*
➡ *पूजा क्रम शुरू करते हुए सबसे पहले शनिदेव के इष्ट भगवान शिव का ‘ऊँ नम: शिवाय’ बोलते हुए गंगाजल, कच्चा दूध तथा काले तिल से अभिषेक करें। अगर घर में पारद शिवलिंग है तो उनका अभिषेक करें अन्यथा शिव मंदिर जाकर अभिषेक करें। भांग, धतूरा एवं हो सके तो 108 आंकडे के फूल जरूर चढ़ाएं। द्वादश ज्योतिर्लिंग के नाम को उच्चारण करें।*
🙏🏻 *सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।*
*उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं ममलेश्वरम् ॥1॥*
*परल्यां वैजनाथं च डाकियन्यां भीमशंकरम्।*
*सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥2॥*
*वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे।*
*हिमालये तु केदारं ध्रुष्णेशं च शिवालये ॥3॥*
*एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः।*
*सप्तजन्मकृतं पापं स्मरेण विनश्यति ॥4॥*
🙏🏻 *अब शनिदेव की पूजा शुरू करते हुए सर्वप्रथम शनिदेव का सरसों के तेल से अभिषेक करें।*
🌷 *“ऊँ शं शनैश्चराय नम:” का निरंतर जप करते रहें ।*
🔥 *सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें तथा कस्तूरी अथवा चन्दन की धूप अर्पित करें ।*
🌷 *शनि के वैदिक मंत्र का उच्चारण करें* 🌷
*नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्*
*छायामार्तण्ड संभूतम् तम नमामि शनैश्चरम्॥”*
🌷 *अब स्त्रोत्र का पाठ करें* 🌷
*नमस्ते कोण संस्थाय पिंगलाय नमोऽस्तुते।*
*नमस्ते बभ्रुरुपाय कृष्णाय नमोऽस्तुते॥*
*नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चांतकायच।*
*नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो॥*
*नमस्ते मंदसंज्ञाय शनैश्चर नमोऽस्तुते।*
*प्रसादं कुरू देवेश दीनस्य प्रणतस्य च॥*
🔥 *शाम को पीपल के वृक्ष के नीचे तिल के तेल के दीपक को प्रज्जवलित करें। शनिदेव से प्रार्थना करें कि सभी समस्याएं दूर हों और बुरे समय से पीछा छूट जाए। इसके बाद पीपल की सात परिक्रमा करें।*
🌞 ~ *हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
🌷 *अमावस्या* 🌷
➡ *29 मई 2022 रविवार को दोपहर 02:55 से 30 मई, सोमवार को शाम 05:00 तक अमावस्या है ।*
🙏🏻 *अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है (विष्णु पुराण)*
🌞 ~ *हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
🌷 *सोमवती अमावस्याः दरिद्रता निवारण* 🌷
🙏🏻 *सोमवती अमावस्या के पर्व में स्नान-दान का बड़ा महत्त्व है।*
👉🏻 *इस दिन भी मौन रहकर स्नान करने से हजार गौदान का फल होता है।*
🌳 *इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन तथा उनकी 108 प्रदक्षिणा करने का विधान है। 108 में से 8 प्रदक्षिणा पीपल के वृक्ष को कच्चा सूत लपेटते हुए की जाती है। प्रदक्षिणा करते समय 108 फल पृथक रखे जाते हैं। बाद में वे भगवान का भजन करने वाले ब्राह्मणों या ब्राह्मणियों में वितरित कर दिये जाते हैं। ऐसा करने से संतान चिरंजीवी होती है।*
🌿 *इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है।*
💥 *विशेष ~ 30 मई 2022 सोमवार को सूर्योदय से शाम 05:00 तक सोमवती अमावस्या है ।*
🙏🏻 *क्या करें क्या न करें पुस्तक से*
🌞 ~ *हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
*🙏🌷जय श्री राधे राधे🌷🙏*
