पहाड़ का सच/एजेंसी
चंडीगढ़ । कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को राज्य सरकार और पुलिस की तरफ से झटका लगा। पंजाब में भगवंत मान सरकार ने नवजोत सिंह सिद्धू की सुरक्षा घटाने का फैसला लिया है। उनकी सुरक्षा में कटौती की गई है. पंजाब सुरक्षा रिव्यू कमेटी की मीटिंग में चर्चा करके यह फ़ैसला लिया गया।
10 महीने बाद पटियाला के केंद्रीय कारागार से शनिवार को रिहा हुए नवजोत सिंह सिद्धू का राज्य सरकार ने उनका सुरक्षा कवर आधा कर दिया है। उनका ‘जेड प्लस’ श्रेणी का कवर अब ‘वाई प्लस’ में बदल गया है। पहले उनके साथ ‘जेड प्लस’ कवर के साथ 25 पुलिसकर्मी होते थे थे जो अब ‘वाई प्लस’ के तहत 12 ही रह गए हैं। पटियाला जेल से बाहर आते ही सिद्धू ने अपनी सुरक्षा का मुद्दा उठाया था और जानकारी दी थी की उनका सुरक्षा कवर कम कर दिया है।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि सिद्धू के साथ अब एक पायलट एस्कॉर्ट के अलावा 11 सुरक्षाकर्मी जुड़े हुए हैं। सिद्धू 1988 में रोड रेज में हुई मौत के मामले में पिछले साल 20 मई को अदालत में आत्मसमर्पण करने के बाद जेल गए थे। आप के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सिद्धू सांसद या विधायक नहीं हैं और यहां तक कि पीपीसीसी प्रमुख भी नहीं हैं और सुरक्षा केवल खतरे की आशंका के अनुसार प्रदान की जाएगी, न कि सिद्धू की इच्छा के अनुसार।
जेल से रिहा होने के बाद सिद्धू ने अपनी सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए दावा किया था कि सरकार उनकी सुरक्षा वापस लेना चाहती है। उन्होंने कहा था कि एक सिद्धू तो मरवा दिया, दूसरे को भी मरवा दो. उन्होंने कहा था कि मैं डरता नहीं हूं और पंजाब के मुद्दों को उठाता रहूंगा।
एक शीर्ष पुलिस अधिकारी के हवाले से दि ट्रिब्यून की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिद्धू की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया गया और उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा खतरे की धारणा पर आधारित है और समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाती है। अभी के लिए सिद्धू के पास एक पायलट एस्कॉर्ट और पर्याप्त सुरक्षा अधिकारी हैं।