पहाड़ का सच/एजेंसी
इस्लामाबाद: पहले ही महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तान को आईएमएफ की शर्तें भारी पड़ने लगी हैं. अधिकारियों और विश्लेषकों ने सोमवार को कहा कि आर्थिक तंगी और परमाणु हथियार से लैस पाकिस्तान अब इस महीने 170 अरब रुपये का नया टैक्स लगाएगा. उन्होंने चेतावनी दी कि नए कर से देश में मुद्रास्फीति और बढ़ जाएगी.
ET की रिपोर्ट के अनुसार, अर्थशास्त्रियों और राजनीतिक विश्लेषकों का यह बयान शुक्रवार को पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच नवीनतम दौर की वार्ता के बाद आया है. इस दौरान आईएमएफ ने नए कर लगाने की सिफारिश की थी. वरिष्ठ अर्थशास्त्री एहतेशाम-उल-हक ने कहा, “अधिक कर लगाने का मतलब है कि पाकिस्तान में अधिकांश लोगों के लिए कठिन दिन आने वाले हैं जो पहले से ही भोजन और ऊर्जा के लिए उच्च लागत का सामना कर रहे हैं, लेकिन अगर पाकिस्तान को आईएमएफ ऋण की जरूरत है तो पाकिस्तान को नए कर लगाने ही पड़ेंगे क्योंकि इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है.”
पाकिस्तान खुद को डिफॉल्टर के रूप में घोषित होने से बचा रहा है. इसलिए वह आईएमएफ की शर्तों को मानने के लिए मजबूर है. आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच हुई अंतिम वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकल सका था, क्योंकि वह रक्षा बजट को घटाने के लिए राजी नहीं हो रहा था. वित्त मंत्री इशाक डार ने आईएमएफ मिशन प्रमुख से रक्षा बजट में कटौती’ की शर्तों को हटाने का अनुरोध किया, तभी आईएमएफ प्रमुख ने बातचीत रोक दी और समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना पाकिस्तान छोड़ने का फैसला कर लिया. डार ने उनसे कहा कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर आधिकारिक यात्रा पर ब्रिटेन में हैं और सरकार को उनके साथ रक्षा बजट पर चर्चा करने के लिए कुछ समय चाहिए लेकिन आईएमएफ अपनी शर्तों को लेकर अड़ा रहा.
अर्थशास्त्री हक ने कहा कि नए करों के लागू होने के बाद पाकिस्तान की 26 प्रतिशत की मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 40 प्रतिशत हो जाएगी. लेकिन, “अगर पाकिस्तान बिना किसी और देरी के आईएमएफ बेलआउट को पुनर्जीवित करने में विफल रहता है, तो आम आदमी के लिए जीवन और कठिन हो जाएगा.”
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार अब दो अरब डॉलर से थोड़ा अधिक रह गया है. यह केवल 10 दिनों के आयात के लिए भुगतान करने के लिए पर्याप्त है. अधिकारियों का कहना है कि आईएमएफ के साथ पाकिस्तान की बातचीत वस्तुतः सोमवार या मंगलवार को फिर से शुरू होगी. शरीफ ने पिछले हफ्ते चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान को आईएमएफ की शर्तों का पालन करने में कठिनाई होगी.