पहाड़ का सच/एजेंसी
ग्वालियर। शहर मैं बंद घर से पति-पत्नी की लाश बरामद की गई है। बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी थी। घर में मौजूद दंपति का डेढ़ साल का बच्चा 3 दिन तक भूखा -प्यासा शव के पास भटकता रहा। ग्वालियर थाना पुलिस मौके पर पहुंची तो डेढ़ साल का बच्चा बेसुध पड़ा था। पुलिस के मुताबिक दोनों शव लगभग 2 से 3 दिन पुराने हैं। परिजनों ने पारिवारिक कलह को घटना की प्रमुख वजह बताया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक सोनू उर्फ नूर आलम हेयर सैलून में काम करता था। पत्नी शबाना से उसका रोजाना झगड़ा हुआ करता था। उनकी दस साल पहले शादी हुई थी और उनके तीन बच्चे भी हैं। हैरानी की बात यह है कि दंपत्ति का डेढ़ साल का बच्चा 2 से 3 दिनों तक मां की लाश के साथ कमरे में ही रहा। अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसीलिए वह बेहोश हुआ होगा। मंगलवार शाम को जब सोनू उर्फ नूर आलम के मकान से बदबू आने लगी तो पड़ोसियों ने शबाना की मां को इसकी सूचना दी। घर अंदर से बंद था इसलिए पुलिस को भी मौके पर बुलवाया गया। पुलिस की मौजूदगी में किसी तरह दरवाजा तोड़कर अंदर जाकर देखा गया तो पति नूर आलम का शव कमरे में पंखे से झूल रहा था। उसकी लाश अकड़ गई थी और डिकंपोज होने के कारण उसमें से रिसाव हो रहा था। कुछ यही हालात दूसरे कमरे में छत के कुंदे से लटक रही शबाना की लाश के साथ भी थी। पुलिस ने परिजनों और मोहल्ले वालों की मौजूदगी में शवों का पंचनामा बनवाया और उन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भिजवाया।
नूर आलम और शबाना का डेढ़ साल का बेटा घर में ही बंद था। माता-पिता की लाश के पास मासूम तीन दिन तक भूखा-प्यासा भटकता रहा। जब पुलिस और पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़ा तो नन्हा जाहिद फफक-फफक कर रोने लगा। डेढ़ साल का मासूम ही अपने घर में था। नूर आलम के दो अन्य बच्चे दादी के पास ईद मनाने के लिए गए हुए थे। नूर आलम की मां ने बताया कि उनका बेटा कुछ काम नहीं करता था और वह स्मैक और दूसरे सूखा नशा करता था। इसी कारण आए दिन घर में कलह होती रहती थी। नशे की हालत में वह पत्नी और बच्चों के संग बेरहमी से मारपीट भी करता था। पुलिस फिलहाल मामले की छानबीन में जुटी है।