पहाड़ का सच,देहरादून।
खाद्य आपूर्ति विभाग के एक अधिकारी को सरकारी जमीन बेचकर लाखों रुपए का चूना लगाने का मामला सामने आया है। पीड़ित की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ थाना रायपुर में धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत किया गया है, साथ ही पीड़ित ने आरोप लगाया है की आरोपी इस तरह से कई लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुका है और वह तिहाड़ जेल में भी रह चुका है।
पुलिस लाइन रेसकोर्स निवासी हरेंद्र सिंह रावत ने शिकायत दर्ज कराई की वह खाद आपूर्ति विभाग में एसएमओ के पद पर तैनात है और उनकी पत्नी पुलिस मुख्यालय में उपनिरीक्षक पद पर तैनात है। हरेंद्र सिंह रावत की साल 2019 में काशीपुर निवासी नीरज शर्मा से मुलाकात हुई थी और नीरज शर्मा ने उन्हें 300 गज का एक प्लाट दिखाया, साथ ही बताया कि यह प्लॉट उनकी पत्नी आशु शर्मा की बहन अंजली शर्मा का है, इसमें दोनों भी सहखातेदार हैं।
बताया कि इस जमीन को बेचने के लिए अंजली शर्मा ने उनकी पत्नी आशु शर्मा को पावर ऑफ अटॉर्नी किया हुआ है। इस प्लॉट को नीरज शर्मा की पत्नी भी बेच सकती है और यह प्लॉट सस्ते दाम पर मिल रहा है। इस दौरान नीरज शर्मा ने हरेंद्र सिंह को मौके पर जाकर प्लॉट दिखाया और हरेंद्र सिंह रावत को प्लॉट पसंद आ गया और दोनों के बीच 19 लाख 76 हजार रुपए में सौदा तय हो गया। उसके बाद नीरज शर्मा की पत्नी आशू शर्मा ने पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए प्लॉट की रजिस्ट्री कर दी, इसके एवज में हरेंद्र सिंह रावत ने नीरज शर्मा को 19 लाख 76 हजार रुपए का चेक,बैंक ट्रांसफर और नगद के रूप में दे दिए।
कुछ दिनों बाद हरेंद्र सिंह अपनी पत्नी के साथ मौके पर प्लॉट देखने गए तो जमीन की बाउंड्री वॉल पहले से ही टूटी हुई थी। उन्हें शक हुआ तो हरेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी के जरिए इसकी जांच कराई। जानकारी करने पर पता चला कि यह जमीन सरकार की है और कुछ समय पहले ही इस पर एक सरकारी दफ्तर को तोड़ कर समतल किया गया है। थाना रायपुर प्रभारी कुंदन राम ने बताया कि हरेंद्र सिंह रावत की तहरीर के आधार पर आरोपी और उसके पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, साथ ही आरोपी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।