– प्रभावित परिवारों को पांच लाख की सहायता , पीसीसी अध्यक्ष माहरा ने सीएम को लिखा पत्र
पहाड़ का सच देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बादल फटने से आई दैवीय आपदा में मारे गये प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपये तथा प्रभावित परिवारों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने तथा प्रभावित क्षेत्र के लोगों की जानमाल की सुरक्षा हेतु उन्हें सुरक्षित स्थानों में विस्थापित किये जाने की मांग की है।
धामी को लिखे पत्र में माहरा ने कहा कि 8 व 9 मई को प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बादल फटने की घटनाओं से कई जनपदों में जानमाल की भारी क्षति हुई है। पिथौरागढ़ जनपद में धारचूला के चलगांव, अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर एवं उत्तरकाशी में अतिवृष्टि एवं बादल फटने की अप्रिय घटनायें घटित हुई हैं जिससे भारी तबाही का मंजर देखने को मिला है। इस आपदा में कई लोग हताहत हुए हैं तथा आपदा में लापता एवं गम्भीर रूप से घायलों की संख्या का भी सही-सहीं आंकलन नहीं हो पाया है।
माहरा ने कहा कि अतिवृष्टि एवं बादल फटने की घटनाओं के कारण कई गांवों का पूरी तरह से सम्पर्क टूट चुका है जिससे पीडितों तक राहत भी नहीं पहुंच पा रही है। बादल फटने की घटना के बाद आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के मन में दहशत का माहौल व्याप्त है।
उन्होंने आगामी बरसात के मौसम से पूर्व लोगों की जानमाल की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए समय रहते राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग को समुचित कदम उठाने के साथ ही संवेदनशील क्षेत्र के लोगों के उचित विस्थापन की व्यवस्था की जानी चाहिए। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में दैवीय आपदा में मारे गये प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपये तथा प्रभावित परिवारों को 5-5 लाख रुपये का शीघ्र मुआवजा दिये जाने के साथ ही प्रभावित क्षेत्र के लोगों की जानमाल की सुरक्षा करने तथा उनके समुचित विस्थापन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।
*चारधाम यात्रा मार्गों पर सरकारी व्यवस्थायें पूरी तरह से ध्वस्त*
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखंड में प्रारम्भ होने वाली चारधाम यात्राओं की तैयारी पर प्रश्न चिन्ह खडा करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य सरकार से यात्रा मार्गों पर व्यवस्थायें चाक चौबंद करने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी के हवाले से कहा गया है कि मुख्यमंत्री धामी को लिखे पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माहरा ने कहा कि राज्य में चारधाम यात्रा एवं पर्यटन काल प्रारम्भ हो चुका है। पर्यटन एवं तीर्थाटन राज्य के लोगों की आय का प्रमुख स्रोत है परन्तु चारधाम यात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व ही चारधाम यात्रा मार्गों पर सरकारी व्यवस्थायें पूरी तरह से चरमराई हुई नजर आ रही हैं।
चारधाम यात्रा में बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों के रजिस्ट्रेशन की समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है जिसके कारण चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। माहरा ने सरकार को सुझाव दिया है कि चारों धामों के मुख्य प्रवेश मार्गों, ऋषिकेश, चिन्यालीसौड, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी आदि स्थानों पर स्थानीय प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय ताकि तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों को असुविधा का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में भीषण गर्मी का मौसम शुरू हो गया है तथा जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है उत्तराखण्ड राज्य के कई क्षेत्रों में पेयजल संकट भी गहराता जा रहा है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक पेयजल स्रोतों पर अधिकतर लोगों की निर्भरता रहती है, परन्तु पर्वतीय क्षेत्रों के लगभग 50 प्रतिशत पेयजल श्रोत अप्रैल माह से ही सूख जाते हैं। बढती गर्मी के प्रकोप के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों के कई जनपदों में स्थानीय लोगों को भारी पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति के कारण ग्रामीण एवं पर्वतीय क्षेत्रों में घोर पेयजल संकट पैदा हो गया है तथा स्थानीय ग्रामीण जनता के साथ-साथ उत्तराखण्ड के टूरिस्ट स्थलों के होटल व्यवसायियों एवं अन्य प्रदेशों से राज्य में आने वाले पर्यटकों एवं तीर्थ यात्रियों को भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग की पूर्व चेतावनी के बावजूद प्रत्येक वर्ष होने वाली इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार एवं पेयजल विभाग के स्तर पर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाये गये हैं। गम्भीर पेयजल संकट से निपटने के लिए आवश्यक है कि पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल संकट का शीघ्र आंकलन कर उससे निपटने के उपाय किये जांय ताकि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों तथा पर्यटन एवं तीर्थाटन स्थलों पर पेयजल संकट से निपटा जा सके।
माहरा ने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा इसी प्रकार के पेयजल संकट से निपटने के लिए पेयजल संकटग्रस्त क्षेत्रों में खच्चरों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति करने का निर्णय लिया था। उपरोक्त बिन्दुओं पर राज्य सरकार के स्तर पर यथाशीघ्र आवश्यक कदम उठाने की मांग की है ताकि पर्यटकों एवं तीर्थ यात्रियों को इन गम्भीर समस्याओं से राहत मिल सके।