– वकीलों ने विरोध किया,मुख्य न्यायाधीश की अदालत में पहुंच आदेश वापसी का किया अनुरोध, कहा- अलग से बेंच स्थापित करना गलत
– मुख्य न्यायाधीश ने कहा,पेड़ काटकर गौला पार कोर्ट बनाना अनुचित
पहाड़ का सच नैनीताल। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सरकार को हाईकोर्ट की एक बेंच को आईडीपीएल ऋषिकेश में स्थापित करने के लिए स्थान का परीक्षण कर एक हफ्ते में रिपोर्ट देने के मौखिक आदेश दिए हैं।
खंडपीठ के इस आदेश के बाद अधिवक्ता बिफर गए। इससे असंतुष्ट हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने त्वरित आम बैठक बुला ली। बड़ीबीसंख्या में अधिवक्ता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसीएस रावत के नेतृत्व में मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में पहुंच गए। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से हाईकोर्ट की बेंच ऋषिकेश स्थानांतरित करने संबंधी आदेश को अव्यावहारिक बताते हुए इसे वापस लेने का अनुरोध किया।
मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने दोपहर बाद अधिवक्ताओं का पक्ष सुनने का समय नियत किया।
.शिफ्टिंग का प्रस्ताव अधिवक्ताओं की तरफ से आया था
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्टिंग का प्रस्ताव पूर्व में अधिवक्ताओं की तरफ से ही आया था और अब तक जगह चिह्नित नहीं की जा सकी है। गौलापार में जो स्थान चिन्हित किया गया है वह वन विभाग की भूमि है, जहां बड़ी संख्या में पेड़ हैं, जिन्हें काटा जाना उचित नहीं है। कोर्ट स्वयं पेड़ काटने के सख्त खिलाफ है। दूसरी ओर आईडीपीएल ऋषिकेश में जगह उपलब्ध है और गढ़वाल क्षेत्र के अधिवक्ताओं, वादकारियों और दीर्घकालिक विस्तार के लिए भी उचित है। .न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने कहा कि नैनीताल में कई तरह की असुविधाएं हैं व हाईकोर्ट के विस्तार के लिए जगह नहीं है और ना ही आसपास जगह मिल पा रही है।
बार की आम सभा में होगा जगह पर मंथन
अधिवक्ताओं से वार्ता के बाद मुख्य न्यायाधीश ने बार एसोसिएशन से कहा कि यह एक सप्ताह में हाईकोर्ट के लिए ऐसा उचित स्थान सुझाएं, जहां पचास वर्ष बाद भी विस्तार की गुंजाइश हो और नई पीढ़ी के अधिवक्ताओं के साथ-साथ अन्य पक्षों के लिए सुविधा बनी रहे। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इस मामले में आज अधिवक्ताओं की आम सभा बुलाकर सहमति बनाने को कहा है।
बार अध्यक्ष ने बेंच के खिलाफ रखा पक्ष
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसी एस रावत ने कहा कि बार हाईकोर्ट की अलग से बेंच खोलने के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि हाईब्रिड सिस्टम से अदालती कामकाज चल रहा है और किसी भी जगह से अधिवक्ता, वादकारी व अन्य लोग ऑन लाइन कोर्ट से जुड़ रहे हैं।
सरकार को एक हफ्ते का दिया समय
आईडीपीएल ऋषिकेश के कर्मचारियों के आवास खाली करने के शासन के आदेश पर हाईकोर्ट ने पूर्व में रोक लगाई थी। इसके खिलाफ सरकार की स्पेशल अपील पर बुधवार सुबह मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सुनवाई की। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हुई थीं। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश ने हाईकोर्ट को गौलापार शिफ्ट करने के स्थान पर कहा कि इसके लिए उचित स्थल ऋषिकेश में उपयुक्त जगह पर विचार कर एक सप्ताह के भीतर कोर्ट को रिपोर्ट पेश करेंगे।
कोर्ट में भारी तादाद में अधिवक्ता एकत्र हो गए। इस बीच, सुरक्षा की दृष्टि से कोर्ट परिसर में एसपी नैनीताल, एसपी हल्द्वानी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसीएस रावत ने इस पर आपत्ति दर्ज जताई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार अधिवक्ताओं के खिलाफ फोर्स तैनात किया गया है।(साभार)