– कलेक्शन सेंटर पर ₹50/ किलो की दर से खरीदे जाएंगी पिरूल की पत्तियां
पहाड़ का सच,रुद्रप्रयाग। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय जंगल में बिखरी हुई पिरूल की पत्तियों को एकत्र करते हुए सभी लोगों को इसके साथ जुड़ने का संदेश दिया।
पिरूल की सूखी पत्तियां वनाग्नि का सबसे बड़ा कारण होती हैं। सीएम ने कहा कि मेरा प्रदेश की समस्त जनता से अनुरोध है कि आप भी अपने आस-पास के जंगलों को बचाने के लिए युवक मंगल दल, महिला मंगल दल और स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर इसे अभियान के रुप में संचालित करने का प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिए सरकार ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन पर भी कार्य कर रही है। इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर ₹50/किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे। इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जाएगा इसके लिए ₹50 करोड़ का कार्पस फंड पृथक रूप से रखा जाएगा।