ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌤️ *दिनांक – 30 मार्च 2024*
🌤️ *दिन – शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत – 1945*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – वसंत ऋतु*
🌤️ *अमांत – 17 गते चैत्र मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 10 फाल्गुन मास*
🌤️ *मास – चैत्र (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार फाल्गुन*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – पंचमी रात्रि 09:13 तक तत्पश्चात षष्ठी*
🌤️ *नक्षत्र – अनुराधा रात्रि 10:03 तक तत्पश्चात जेष्ठा*
🌤️ *योग – सिद्धि रात्रि 10:47 तक तत्पश्चात व्यतीपात*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:17 से सुबह 10:49 तक*
🌞 *सूर्योदय – 06:08*
🌤️ *सूर्यास्त – 18:35*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – रंग पंचमी, व्यतीपात योग (रात्रि 10:47 से 31 मार्च रात्रि 09:53 तक)*
💥 *विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)*
💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)*
💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है। (पद्म पुराण)*
🕉️ ~ *वैदिक पंचांग* ~ 🕉️
🌷 *भविष्य पुराण* 🌷
🙏🏻 *भविष्य पुराण में माना गया है कि हर इंसान को उसके शरीर, मन व बातों से किए गए पापों को भोगना पड़ता है। उसमें भी कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें महापाप माना गया है। आइए जानते हैं पांच ऐसे ही महापापों के बारे में जिन्हें करने वालों को नरक में सबसे ज्यादा यातनाएं झेलनी पड़ती है।*
➡ *ये हैं 5 सबसे बड़े पाप, इन्हें करने वालें को नर्क में मिलती है सबसे ज्यादा सजा*
1⃣ *अनीति का धन*
*किसी को ठग कर गलत काम कर या किसी के हिस्से की वस्तु को चुराकर धन एकत्रित करना और धन का दान न करने वाले को भी भविष्यपुराण में महापापी माना गया है।*
2⃣ *गुरु से धोखाधड़ी*
*गुरु मनुष्य को अच्छे-बुरे का ज्ञान देते है। गुरु को पिता के समान मानना चाहिए। गुरु के साथ कभी भी कंपट एवं धोखाधड़ी नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना सबसे बड़ा पाप माना गया है। ऐसे इंसान को उसके पापों की सजा मिलती है।*
3⃣ *पशुओं पर अत्याचार*
*पशुओं पर अत्याचार करना, ब्राह्मण की हत्या या उसका अपमान करना, नौकरों से बुरा व्यवहार करने वाले मनुष्य को भी कुंभीपाक नाम के नर्क की यातना सहनी पड़ती है। इसलिए भुलकर भी ये महापाप नहीं करना चाहिए।*
4⃣ *शराब पीना*
*शराब में तीन प्रकार के पाप बताएँ गए है। स्त्री हो या पुरुष सभी को शराब व अन्य मादक पदार्थों से दुर रहना चाहिए।किसी भी तरह की शराब पीने से मनुष्य महापाप का भागी बन जाता है।*
5⃣ *चोरी करना*
*जो मनुष्य दुसरों की वस्तु हड़पने या चुराने की कोशिश करता है, वह पापी माना गया है। चोरी करने वाले इंसान या ऐसे काम में साथ देने वाले को नर्क में दुःख भोगने पड़ते है।इसलिए मनुष्य को कभी भी ये महापाप नहीं करना चाहिए।*
🕉️ ~ *वैदिक पंचांग* ~ 🕉️
🌷 *सफलता पाने हेतु* 🌷
☺ *सुबह उठो तो उससे थोड़ी देर विश्रांति पाकर प्रार्थना करके बाद में अपना जिस नथुने से श्वास चलता है वही हाथ मुंह को उसी तरफ घुमाकर वही पैर धरती पे रखोगे तो आपको कार्यों में भी सफलता की मदद मिलेगी…. विघ्न बाधाएँ आराम से टलेंगे । लेकिन ईश्वर केवल विघ्न बाधा टालने के लिए नहीं है ! ईश्वर तो पाने के लिये है ! आप सम्राट से चपरासी का काम ज्यादा दिन मत लेना।