– चार दिवसीय विदेश दौरे पर कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत
– विभागीय टीम के साथ परखेंगे यूरोपीय देशों की शिक्षा व्यवस्था
– शैक्षणिक भ्रमण से राज्य में दक्षता आधारित शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
पहाड़ का सच, देहरादून।
राज्य के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत सोमवार को शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के दृष्टिगत अपने विभागीय अधिकारियों के साथ फिनलैण्ड व स्विजरलैण्ड के चार दिवसीय दौरे पर रवाना हुये। वहां वे विद्यालयी शिक्षा में आकलन प्रक्रियाओं, दक्षता आधारित शिक्षा तथा शैक्षिक तकनीकी के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। इसके अलावा वह दोनों देशों के विद्यालयों के संचालन एवं प्रबंधन की गतिविधियों को भी समझेंगे।
यूरोपीय देशों की यात्रा पर जाने से पहले विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि वह आगामी 14 मार्च तक फिनलैण्ड व स्विजरलैंड के दौरे पर रहेंगे।
इस दौरान उनके साथ सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक अजय नौरियाल, कंचन देवराड़ी, भगवती प्रसाद मंदोली, मदन मोहन जोशी, प्रद्युमन सिंह रावत व दीपक प्रताप आदि विभागीय अधिकारी भी विदेश यात्रा में साथ रहेंगे। अपने चार दिवसीय दौरे के दौरान डा. रावत फिनलैण्ड व स्विजरलैण्ड के एजुकेशन सिस्टम का अध्ययन करने के लिये अपनी टीम के साथ दोनों देशों के विभिन्न शिक्षण संस्थानों का भ्रमण करेंगे।डा. रावत ने बताया कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड के प्रस्तावित कार्यक्रम एक्सपोजर विजिट एससीईआरटी फैकल्टी ऑफ स्टेट असेसमेंट सेल एट एससीईआरटी उत्तराखंड टू फिनलैण्ड के तहत वह अपने विभागीय अधिकारियों के साथ यूरोपीय देशों के दौरे पर है, जिसे केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। भ्रमण कार्यक्रम के तहत वह फिललैण्ड की शिक्षा व्यवस्था एवं शैक्षिक गतिविधियों के बारे में जानकारी लेंगे। विभागीय मंत्री डा. रावत ने बताया कि फिनलैण्ड का एजुकेशन सिस्टम बच्चों के सर्वांगीण विकास पर फोकस के लिये दुनियाभर में विख्यात है। यहां के विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को तनावमुक्त वातावरण में शिक्षा दी जाती है, साथ ही बच्चों पर परीक्षा का अनावश्यक बोझ भी नहीं डाला जाता। उन्होंने बताया कि यूरोपीय देशों खासकर फिनलैण्ड की विद्यालयी शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन कर वहां के बेहतर शिक्षण प्रणाली को राज्य में भी लागू किया जायेगा ताकि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ एवं रोजगापरक बनाया जा सके।