
आरोपी खालिद और उसकी दूसरी बहन साबिया फरार, एसआईटी की जांच पर की गई कार्रवाई

गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में और बड़े नामों के सामने आने की संभावना
पहाड़ का सच देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की रविवार को हुई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा पेपर के मामले में विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने बड़ी कार्रवाई की है। एसआईटी की अब तक की जांच और उसकी रिपोर्ट के आधार पर रायपुर थाने में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन समेत 4 नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस ने केस दर्ज होते ही अमरोड़ा डिग्री कॉलेज, टिहरी की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन और उसके पुराने दोस्त आरोपी खालिद की बहन हिना को गिरफ्तार कर लिया। जबकि मुख्य आरोपी खालिद और उसकी दूसरी बहन साबिया अभी फरार हैं।
इससे पहले पुलिस ने असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश किया था और उससे पेपर परीक्षा केंद्र से बाहर आने की कहानी को बयां करवाया था। एसआईटी की जांच में सामने आया कि परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू हुई थी। महज 35 मिनट बाद यानी 11:35 बजे पेपर के तीन पन्नों में दर्ज 12 प्रश्न प्रोफेसर सुमन के व्हाट्सएप पर पहुंच गए। सुमन ने फौरन पेपर हल करना शुरू किया और जवाब वापस खालिद के नंबर पर भेज दिए।
यही नहीं, पेपर साल्विंग के दौरान खालिद की बहनें साबिया और हिना ने भी सुमन से व्हाट्सएप कॉल पर संपर्क किया। इसके बाद प्रश्नपत्र और उत्तर बॉबी पंवार तक पहुंचाए गए। जांच में यह डिजिटल साक्ष्य साफ तौर पर दर्ज किए गए हैं।
एसएसपी ने कसा शिकंजा, नेटवर्क का होगा पर्दाफाश
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने पेपर लीक की सूचना मिलते ही रविवार को एसआईटी गठित कर दी थी। सोमवार को रिपोर्ट सामने आने के बाद भर्ती में अनुचित साधन रोकथाम एवं निवारण अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इससे पहले परीक्षा आयोजित किए जाने से एक दिन पहले अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए 12 से 15 लाख रुपए में डील करते कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह और उसके साथी पंकज गौड़ को गिरफ्तार किया जा चुका है। हाकम, पूर्व के भर्ती और नकल घोटाले में आरोपी है और अभी जमानत पर बाहर था।
एसएसपी अजय सिंह के अनुसार एसपी देहात जया बलोनी को इस हाई-प्रोफाइल केस की जांच सौंपी गई है। पुलिस ने फरार आरोपियों की तलाश में दबिशें तेज कर दी हैं और तकनीकी टीम को लोकेशन ट्रैक करने का जिम्मा सौंपा गया है।
लगेगा बड़ा झटका
इस प्रकरण ने एक बार फिर युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ कर दिया है। आरोपियों में प्रोफेसर और परीक्षार्थी की मिलीभगत ने साफ कर दिया है कि सिस्टम के भीतर से ही परीक्षा की पवित्रता को लहूलुहान किया जा रहा है। पुलिस और प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में और बड़े नामों के सामने आने की संभावना है। यह भी साफ है कि इस बार पुलिस और प्रशासन आरोपियों पर कड़ी धाराओं और संपत्ति कुर्की तक की कार्रवाई करने के मूड में है।
