
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌤️ *दिनांक – 18 जुलाई 2025*
🌤️ *दिन – शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
🌤️ *शक संवत – 1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – वर्षा ऋतु*
🌤️ *मास – श्रावण (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार आषाढ)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – अष्टमी शाम 05:01 तक तत्पश्चात नवमी*
🌤️ *नक्षत्र – अश्विनी 19 जुलाई रात्रि 02:14 तक तत्पश्चात भरणी*
🌤️ *योग – सुकर्मा सुबह 06:48 तक तत्पश्चात धृति*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 11:05 से दोपहर 12:45 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 06:08*
🌤️ *सूर्यास्त – 07:21*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – पंचक (समाप्त : प्रातः 03:39)*
💥 *विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)*
💥 *चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।*
🕉️~*वैदिक पंचांग* ~🕉️
🌷 *शिव विशेष मंत्र* 🌷
👉🏻 *”ॐ नम: शिवाय शुभं शुभं कुरु कुरु शिवाय नम: ॐ”*
*”Om Namah Shivay Shubham Shubham Kuru Kuru Shivay Namah Om”*
🙏🏻 *शिवपुराण, रूद्रसंहिता, युद्ध खंड के अनुसार यह शुभ मन्त्र महान पुण्यमय तथा शिव को प्रसन्न करने वाला है | यह भुक्ति – मुक्ति का दाता, सम्पूर्ण कामनाओं का पूरक और शिवभक्तों के लिये आनंदप्रद है | यह स्वर्गकामी पुरुषों के लिये धन, यश और आयु की वृद्धि करनेवाला है | यह निष्काम के लिये मोक्ष तथा साधन करने वाले पुरुषों के लिये भुक्ति – मुक्ति का साधन है | जो मनुष्य पवित्र होकर सदा इस मन्त्र क कीर्तन करता है, सुनता है अथवा दूसरे को सुनाता है, उसकी सारी अभिलाषाएँ पूर्ण हो जाती हैं |*
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌷 *चातुर्मास में करने योग्य* 🌷
🙏 *चातुर्मास में ३ बिल्व पत्र डाल कर “ॐ नमः शिवाय” ५ बार जप करके और “ब्रह्म ही जल रूप बन कर आया है” ऐसी भावना करके नहाना चाहिये । आंवला, जौ और तिल का पेस्ट बनाकर शरीर पर रगड़कर अथवा तो ये तीनो का पाऊडर पानी में डालकर नहाना चाहिये । स्नान में कभी गर्म पानी का प्रयोग ना करें, वायु की तकलीफ वाले ना ज्यादा गर्म ना ज्यादा ठंडा पानी प्रयोग करें। सिर पर तो कभी भी गर्म पानी नहीं डालना चाहिये । ऐसा करने पर सभी तीर्थ स्नान करने का पुण्य मिलता है ।*
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🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌷 *गर्भ की रक्षा* 🌷
👉 *चांदी की कटोरी में दही जमाकर खाने से गर्भपात नहीं होता ।*
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🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️बेल के पेड़ में जल चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और पितृदोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, यह घर में सुख-सौभाग्य और यश लाता है, साथ ही कुंडली में बृहस्पति को मजबूत करता है. बेल के पेड़ में जल चढ़ाने से जीवन की समस्याएं भी दूर होती हैं.
🌷 *बार बार बुखार आना* 🌷
👉 *बार-बार बुखार आता हो तो भोजन से पहले २-३ ग्राम अदरक और थोड़ा नींबू खाएं फिर भोजन करें ।*
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🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️जुलाई पंचक 2025 तिथि
पंचक आरंभ: जुलाई 13, 2025, रविवार को शाम 06:53 बजे
पंचक अंत: जुलाई 18, 2025, शुक्रवार को तड़के सुबह 03:39 बजे
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