ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 22 नवम्बर 2024*
🌤️ *दिन – शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
🌥️ *अमांत – 6 गते मार्गशीर्ष मास प्रविष्टि*
🌥️ *राष्ट्रीय तिथि – 1 मार्गशीर्ष मास*
🌤️ *मास – मार्गशीर्ष (गुजरात-महाराष्ट्र कार्तिक)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – सप्तमी शाम 06:07 तक तत्पश्चात अष्टमी*
🌤️ *नक्षत्र – अश्लेशा शाम 05:10 तक तत्पश्चात मघा*
🌤️ *योग – ब्रह्म सुबह 11:34 तक तत्पश्चात इन्द्र*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 10:45 से दोपहर 12:03 तक*
🌤️ *सूर्योदय 06:48*
🌤️ *सूर्यास्त – 5:18*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण –
💥 *विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *कालभैरव अष्टमी* 🌷
🙏🏻 *धर्म ग्रंथों के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने कालभैरव का अवतार लिया था। इसलिए इस पर्व को कालभैरव जयंती को रूप में मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 23 नवम्बर, शनिवार को है।*
🙏🏻 *भगवान कालभैरव को तंत्र का देवता माना गया है। तंत्र शास्त्र के अनुसार,किसी भी सिद्धि के लिए भैरव की पूजा अनिवार्य है। इनकी कृपा के बिना तंत्र साधना अधूरी रहती है। इनके 52 रूप माने जाते हैं। इनकी कृपा प्राप्त करके भक्त निर्भय और सभी कष्टों से मुक्त हो जाते हैं। कालभैरव जयंती पर कुछ आसान उपाय कर आप भगवान कालभैरव को प्रसन्न कर सकते हैं।*
➡ *ये हैं कालभैरव को प्रसन्न करने के 11 उपाय, कोई भी 1 करें*
🙏🏻 *1. कालभैरव अष्टमी को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद कुश (एक प्रकार की घास) के आसन पर बैठ जाएं। सामने भगवान कालभैरव की तस्वीर स्थापित करें व पंचोपचार से विधिवत पूजा करें। इसके बाद रूद्राक्ष की माला से नीचे लिखे मंत्र की कम से कम पांच माला जाप करें तथा भैरव महाराज से सुख-संपत्ति के लिए प्रार्थना करें।*
🌷 *मंत्र- ‘ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:’*
🙏🏻 *2. कालभैरव अष्टमी पर किसी ऐसे भैरव मंदिर में जाएं, जहां कम ही लोग जाते हों। वहां जाकर सिंदूर व तेल से भैरव प्रतिमा को चोला चढ़ाएं। इसके बाद नारियल, पुए, जलेबी आदि का भोग लगाएं। मन लगाकर पूजा करें। बाद में जलेबी आदि का प्रसाद बांट दें। याद रखिए अपूज्य भैरव की पूजा से भैरवनाथ विशेष प्रसन्न होते हैं।*
🙏🏻 *3. कालभैरव अष्टमी को भगवान कालभैरव की विधि-विधान से पूजा करें और नीचे लिखे किसी भी एक मंत्र का जाप करें। कम से कम 11 माला जाप अवश्य करें।*
🌷 *- ॐ कालभैरवाय नम:।*
🌷 *- ॐ भयहरणं च भैरव:।*
🌷 *- ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।*
🌷 *- ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्*
🙏🏻 *4. कालभैरव अष्टमी की सुबह भगवान कालभैरव की उपासना करें और शाम के समय सरसों के तेल का दीपक लगाकर समस्याओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।*
🙏🏻 *5. कालभैरव अष्टमी पर 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ॐ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। साथ ही, एकमुखी रुद्राक्ष भी अर्पण करें। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।*
🙏🏻 *6. कालभैरव अष्टमी को एक रोटी लें। इस रोटी पर अपनी तर्जनी और मध्यमा अंगुली से तेल में डुबोकर लाइन खींचें। यह रोटी किसी भी दो रंग वाले कुत्ते को खाने को दीजिए। इस क्रम को जारी रखें, लेकिन सिर्फ हफ्ते के तीन दिन (रविवार, बुधवार व गुरुवार)। यही तीन दिन भैरवनाथ के माने गए हैं।*
🙏🏻 *7. अगर आप कर्ज से परेशान हैं तो कालभैरव अष्टमी की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव की पूजा करें। उन्हें बिल्व पत्र अर्पित करें। भगवान शिव के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला लेकर इस मंत्र का जप करें।*
🌷 *मंत्र- ॐ ऋणमुक्तेश्वराय नम:*
🙏🏻 *8. कालभैरव अष्टमी के एक दिन पहले उड़द की दाल के पकौड़े सरसों के तेल में बनाएं और रात भर उन्हें ढककर रखें। सुबह जल्दी उठकर सुबह 6 से 7 बजे के बीच बिना किसी से कुछ बोलें घर से निकलें और कुत्तों को खिला दें।*
🙏🏻 *9. सवा किलो जलेबी भगवान भैरवनाथ को चढ़ाएं और बाद में गरीबों को प्रसाद के रूप में बांट दें। पांच नींबू भैरवजी को चढ़ाएं। किसी कोढ़ी, भिखारी को काला कंबल दान करें।*
🙏🏻 *10. कालभैरव अष्टमी पर सरसो के तेल में पापड़, पकौड़े, पुए जैसे पकवान तलें और गरीब बस्ती में जाकर बांट दें। घर के पास स्थित किसी भैरव मंदिर में गुलाब, चंदन और गूगल की खुशबूदार 33 अगरबत्ती जलाएं।*
🙏🏻 *11. सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा 11 रुपए, सवा मीटर काले कपड़े में पोटली बनाकर भैरवनाथ के मंदिर में कालभैरव अष्टमी पर चढ़ाएं।*
🙏🏻 *12. कालभैरव अष्टमी की सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान कालभैरव के मंदिर जाएं और इमरती का भोग लगाएं। बाद में यह इमरती दान कर दें। ऐसा करने से भगवान कालभैरव प्रसन्न होते हैं।*
🙏🏻 *13. कालभैरव अष्टमी को समीप स्थित किसी शिव मंदिर में जाएं और भगवान शिव का जल से अभिषेक करें और उन्हें काले तिल अर्पण करें। इसके बाद मंदिर में कुछ देर बैठकर मन ही मन में ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप करें।*