– लोकल पुलिस, एलआईयू व जेल अधीक्षकों से समन्वय करेगी एसटीएफ
– मुखबिर तंत्र को और अधिक मजबूत करें: एडीजी एलओ
पहाड़ का सच देहरादून।
अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने पुलिस मुख्यालय सभागार में एसटीएफ/ सीसीपीएस के कार्यों की समीक्षा की।
समीक्षा बैठक में आयुष अग्रवाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ द्वारा एसटीएफ, सीसीपीएस, एएनटीएफ व एफएफयू के उत्कृष्ट कार्यो, विवेचनाओं व राष्ट्रविरोधी / कुख्यात अपराधियों के विरूद्व कार्यवाही, अभिसूचना संकलन, ईनामी अपराधियों की गिरफ्तारियां, कारागार में निरूद्ध शातिर अपराधियों के सम्बन्ध में सूचना संकलन, वन्य अपराधियों एवं ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन के अर्न्तगत नशे तस्करों के विरूद्व कार्यवाही के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी।
अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था ने निर्देश दिए कि एसटीएफ, सीसीपीएस व एएनटीएफ को सुदृढ करने के लिए जनशक्ति में इजाफा किया जाए। Cyber Centre of Excellence, AI-ML (Artificial Intelligence & Machine Learning) लैब स्थापित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाए।
उन्होंने कहा कि कारागारों में निरूद्व सभी अपराधियों पर एसटीएफ की टीम द्वारा सर्तक दृष्टि रखी जायेगी। एसटीएफ स्थानीय पुलिस व स्थानीय अभिसूचना इकाई से समन्वय बनाए रखेगी ताकि सम्बन्धित थाना क्षेत्रों में निवास करने वाले अपराधियों के सम्बन्ध में सूचनाओं का आदान प्रदान हो सके। जेलों से संचालित हो रहे गैंग एवं अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए जेलों में निरूद्ध कुख्यात अपराधियों की गतिविधियों पर सतर्क दृष्टि रखते हुए जेल अधीक्षकों से समन्व्य बनाने के निर्देश दिए गए।
एडीजी ने कहा कि अपराधियों से मिलने वाले सभी व्यक्तियों पर नजर रखी जाए, ताकि किसी भी प्रकार की घटना से बचा जा सके। राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त अपराधी, जो कि विदेशों में रहकर उत्तराखण्ड राज्य में रंगदारी व हत्या आदि के अपराध में संलिप्त रहते हैं उनके विरूद्व मुखबिरों व तकनीकी रूप से सूचना संकलन कर वैधानिक कार्यवाही की जाए।
कुख्यात अपराधियों के विरूद्व न्यायालय में विचाराधीन अभियोग के गवाहों की सुरक्षा के दृष्टिगत लगातार निगरानी रखी जाये। साथ ही कुख्यात अपराधियों के विरूद्व ऐसे अभियोगों का पर्यवेक्षण प्रत्येक जनपद के राजपत्रित अधिकारी द्वारा किया जायेगा। अंशुमान ने कहा कि वन्य जीव अपराधों को रोकने के लिए वन विभाग, स्थानीय पुलिस, स्थानीय अभिसूचना इकाई से समन्वय स्थापित कर विशेष निगरानी रखे जिससे वन अपराधों से सम्बन्धित अपराध पर अंकुश लगाया जा सके। तथा वन्य जीव तस्करों के पुराने व नये गिरोह के सम्बन्ध में सूचना हासिल करने के लिए मुखबिर तन्त्र सक्रिय किया जाये।
एडीजी ने कहा कि वर्तमान में नवयुवको में बढ रही नशे की प्रवृत्ति के दृष्टिगत् स्कूल, कालेजो में जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ स्कूल / कॉलेजो के आसपास ऐसे सप्लायरों को चिन्ह्ति किया जाये जोकि नारकोटिक्स (नशे) से सम्बन्धित पदार्थो का अवैध व्यापार करते हैं। आदतन नशे की प्रवत्ति वाले युवक व युवतियों की काउन्सलिंग कर उन्हें रिहाब (Rehab) सेन्टर में भेजा जाये तथा नशे के व्यापार करने वालो के विरूद्व जनपद स्तर से भी PITS एनडीपीएस में कार्यवाही की जाए।
. ऐसे अधिकारी/ कर्मचारी जो साईबर क्राईम अपराध से सम्बन्धित विभिन्न प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं उनके द्वारा जनपद के साईबर सैल में नियुक्ति दी जायेगी । साईबर से सम्बन्धित अपराधों में अप्रत्याशित वृद्वि होने के कारण अभियोग की विवेचना में उच्च गुणवत्ता हेतु अत्याधुनिक तकनीक एवं उपकरणों का प्रयोग करने के साथ-साथ साईबर अपराध के निस्तारण हेतु थाने स्तर पर भी पुलिस अधिकारियों/ कर्मचारिगणों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाये।
उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराधों में विवेचना के लिएं जिलों को एसओपी जारी की जाए।साईबर अपराधों से सम्बन्धित नये उपकरणों व सॉफ्टवेयर क्रय करने का प्रस्ताव प्रेषित करने के लिए निर्देशित किया गया एवं सोशल मीडिया पर निगरानी हेतु एसटीएफ, सीसीपीएस, डाईटेक व अभिसूचना ईकाई द्वारा आपस में समन्वय कर कार्यवाही की जाये।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ के पर्यवेक्षण में पुलिस उपाधीक्षक एवं तकनीकी रूप से दक्ष अधिकारियो / कर्मचारियों की अनुसंधान टीम (R&D) का गठन किया जाये जो कि आर्टफिशियल इन्टेलीजेन्स, डार्कवेब एवं नई तकनीको के सम्बन्ध में शोध करेगी।
समीक्षा बैठक में सैथिंल अबूदई कृष्णराज एस पुलिस उपमहानिरीक्षक, एसटीएफ, उत्तराखण्ड,सुश्री पी रेणुका देवी, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, आयुष अग्रवाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, चन्द्रमोहन सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, अंकुश मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक, साइबर, देहरादून, विवेक कुमार, पुलिस उपाधीक्षक,एसटीएफ, सुमित पाण्डे, पुलिस उपाधीक्षक, कुमॉयु, आरबी चमोला, पुलिस उपाधीक्षक,एएनटीएफ, समस्त निरीक्षक, एसटीएफ/ सीसीपीएस/ एनटीएफ उपस्थित रहें।