
पहाड़ का सच/एजेंसी
पालघर। कहा जाता है कि अंगदान महादान होता है। अंगदान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात में चर्चा कर चुके हैं, साथ ही लोगों को अंगदान के लिए प्रेरणा भी दे चुके हैं।
अंग दान का एक ऐसा ही वाक्या महाराष्ट्र के पालघर जिले से समाने आया है। यहां एक डॉक्टर दंपति ने सड़क दुर्घटना में मारे गए अपने 30 वर्षीय बेटे के अंगों का दान किया है। भले ही परिवार शोक में डूबा है लेकिन डॉक्टर दंपति का यह फैसला कईयों के लिए प्रेरणादायक होगा।
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महाराष्ट्र सचिव डॉ. संतोष कदम ने कहा कि दान किए गए अंगों से कम से कम 11 लोगों को लाभ होगा। मृतक की पहचान साकेत दंडवते के रूप में हुई है। साकेत की मौत शुक्रवार को बेंगलुरु के पास एक दुर्घटना में हो गई थी।
साकेत के पिता इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के विरार अध्यक्ष डॉ विनीत दंडवते ने अपने बेटे की मौत के बाद अंगो को दान करने का फैसला लिया। साकेत की पांच महीने पहले ही शादी हुई थी। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि उनकी पत्नी अपूर्वा ने भी अंगदान के लिए सहमति दी थी। महाराष्ट्र इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में अंग दान समिति के प्रमुख डॉ कदम ने कहा कि ‘साकेत के माता-पिता डॉक्टर विनीत और डॉक्टर सुमेधा ने अपने मृत बेटे के अंग दान करने का फैसला किया है.’ उन्होंने आगे कहा कि जहां देश में रक्तदान को लेकर अच्छी जागरूकता है, वहीं अंग दान को लेकर और जागरूकता की जरूरत है।
