पहाड़ का सच/एजेंसी
श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क में रविवार को एक और चीते की मौत हो गई। कूनो में यह दूसरे चीते की मौत है। इससे पहले नामीबिया से कूनो लाई गई मादा चीता साशा की मौत हो चुकी है। वन विभाग ने प्रेस नोट जारी कर चीते की मौत की पुष्टि की है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि साउथ अफ्रीका से कूनो लाया गया उदय चीता 23 अप्रैल को सुबह से ही सुस्त और बीमार लग रहा था। जिसके बाद वन्यप्राणी चिकित्सकों ने उसे आइसोलेशन वार्ड में उपचार एवं निगरानी के लिए रखा। उपचार के दौरान शाम लगभग 4 बजे चीता उदय की मृत्यु हो गई।
चीते की दैनिक निगरानी हेतु दल को सुबह लगभग 9.00 बजे बोमा क्रमांक 2 में मौजूद नर चीता उदय सर झुकाए सुस्त अवस्था में बैठा मिला। चीता के करीब जाने पर चीता उठकर लड़खड़ाकर एवं गर्दन झुकाकर चला। जबकि प्रोटोकाल के अनुसार प्रतिदिन सुबह शाम की निगरानी के दौरान एक दिन पूर्व की निगरानी में उदय चीता स्वस्थ पाया गया था। बीमार मिलने पर अनुमति के बाद ट्रेंकुलाइज कर चीता उदय को बेहोश कर मौके पर ही उपचार दिया गया। उपचार के दौरान सायं लगभग 4.00 बजे चीता उदय की मौत हो गई।
पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ जेएस चौहान ने बताया है कि कूनो अभ्यारण में सभी चीताें पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने बताया है कि प्रोटोकॉल के तहत रोज उनके स्वास्थ्य और चहल पहल पर निगरानी रखने के लिए लाइव वीडियो भी बनाया जाता है। इसी के तहत आज जब टीम के द्वारा चीता उदय का लाइव वीडियो बनाया जा रहा था तो उस दौरान वह लड़खड़ा रहा था उसके बाद वन्य प्राणी चिकित्सक का दल उसे लेकर आया और उसके स्वास्थ्य का परीक्षण किया। डॉक्टरों की टीम ने चीता का ब्लड सैंपल लिया और उसको लैब में भेज दिया है लेकिन इसके पहले ही चीता उदय ने दम तोड़ दिया है। अभी किस वजह से मौत हुई है इसका पता लगाना असंभव है। पोस्टमार्टम के बाद पता लगाया जाएगा कि आखिर मौत की वजह क्या रही है।