पहाड़ का सच,नैनीताल।
निलंबित आईएफएस अधिकारी किशन चंद की जमानत याचिका पर आज उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने निलंबित आईएफएस अधिकारी किशन चंद को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने किशन चंद को शर्तों के साथ जमानत दे दी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ में हुई थी।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि वे अपना पासपोर्ट जमा करेंगे, साथ ही जमानत का दुरुपयोग नहीं करेंगे। यदि वो ऐसा करते हैं तो राज्य सरकार उनकी जमानत निरस्त कर सकती है। जमानत याचिका में उनकी तरफ से कहा गया है कि उन पर लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं। विभागीय अधिकारियों की अनुमति के बाद ही निर्माण कार्य कराये गये हैं।
किशन चंद पर आरोप है कि कॉर्बेट नेशनल पार्क की कालागढ़ रेंज में तैनाती के दौरान मोरघट्टी व पाखरो में उन्होंने अवैध तरीके से निर्माण कार्य के साथ ही पेड़ों का कटान कराया है, जांच में भी इसकी पुष्टि हुई है, जिसकी वजह से उन्हें निलंबित किया गया है। सरकार की तरफ से कहा गया कि इन्होंने वित्तीय अनियमितताओं के साथ-साथ अपने पद का द्रुपरयोग किया है। जबकि उनकी तरफ से कहा गया कि वित्तीय स्वीकृति पहले से थी, उन्होंने किसी तरह की अनियमितता नहीं की।