
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
?️ *दिनांक -04 अगस्त 2024*
?️ *दिन – रविवार*
?️ *विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
?️ *शक संवत -1946*
?️ *अयन – दक्षिणायन*
?️ *ऋतु – वर्षा ॠतु*
?️ *अमांत 20 गते श्रावण मास प्रविष्टि*
?️ *राष्ट्रीय तिथि 13 आषाढ़ मास*
?️ *मास – श्रावण (गुजरात महाराष्ट्र अनुसार आषाढ)*
?️ *पक्ष – कृष्ण*
?️ *तिथि – अमावस्या शाम 04:42 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
?️ *नक्षत्र – पुष्य दोपहर 01:26 तक तत्पश्चात अश्लेशा*
?️ *योग – सिद्धि सुबह 10:38 तक तत्पश्चात व्यतीपात*
?️ *राहुकाल – शाम 05:23 से शाम 07:04 तक*
?️ *सूर्योदय -05:38*
?️ *सूर्यास्त- 19:08*
? *दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे*
? *व्रत पर्व विवरण- दर्श अमावस्या,श्रावण अमावस्या,हरियाली अमावस्या,रविपुष्यामृत योग (सूर्योदय से दोपहर 01:26 तक),व्यतीपात योग (सुबह 10:38 से 05 अगस्त सुबह 10:38 तक*
? *विशेष – रविवार, अमावस्या व व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
? *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
? *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
? *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए* ?
➡ *05 अगस्त 2024 रविवार को अमावस्या है ।*
? *घर में हर अमावस अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।*
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? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *अमावस्या* ?
?? *अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है (विष्णु पुराण)*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *समृद्धि बढ़ाने के लिए* ?
? *कर्जा हो गया है तो अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे, समृद्धि बढेगी ।*
?? *दीक्षा मे जो मन्त्र मिला है उसका खूब श्रध्दा से जप करना शुरू करें,जो भी समस्या है हल हो जायेगी ।*
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? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *रविपुष्यामृत योग* ?
➡️ *04 अगस्त 2024 रविवार को सूर्योदय से दोपहर 01:26 रविपुष्यामृत योग है।*
?? *‘शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है | पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्त और निष्फल-से हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं | ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: |’ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है | पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है |*
?? *इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं | (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 10)
