
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 28 दिसम्बर 2025*
🌤️ *दिन – रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
⛅ *अमांत – 13 गते पौष मास प्रविष्टि*
⛅ *राष्ट्रीय तिथि – 7 पौष मास*
🌤️ *मास – पौष*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – अष्टमी सुबह 11:59 तक तत्पश्चात नवमी*
🌤️ *नक्षत्र – उत्तरभाद्रपद सुबह 08:43 तक तत्पश्चात रेवती*
🌤️ *योग – वरीयान सुबह 10:13 तक तत्पश्चात परिघ*
🌤️ *राहुकाल – शाम 04:05 से शाम 05:21 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 07:12*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:24*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- पंचक*
💥 *विशेष – *अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है (ब्रह्मवैवर्त पुराण ब्रह्म खण्ड: 27,29,34)*
*💥 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *इन पुण्यदायी तिथियों व योगों का अवश्य उठायें लाभ* 🌷
➡️ *31 दिसम्बर : पुत्रदा एकादशी (पुत्र की इच्छा से व्रत करनेवाला पुत्र पाकर स्वर्ग का अधिकारी होता है।)*
➡️ *03 जनवरी : व्रत पूर्णिमा, पौष पूर्णिमा एवं माघ स्नान आरम्भ (माघ मास में जप, होम, दान – ये तीन पुण्यकर्म विशेष हैं। पद्म पुराण)*
➡️ *04 जनवरी : रविपुष्य योग (दोपहर 03:11 से 05 जनवरी सूर्योदय तक) (मंत्रसिद्धि और औषधि प्रयोग के लिए विशेष फलप्रद)*
➡️ *06 जनवरी : सकट चौथ, संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 09:07), मंगलवारी चतुर्थी (सुबह 08:01 से 07 जनवरी सुबह 06:52 तक) (सूर्यग्रहण-तुल्य एवं ध्यान, जप, मौन आदि का प्रभाव अक्षय)*
➡️ *14 जनवरी : षट्तिला एकादशी मकर संक्रांति (पुण्यकाल : दोपहर 03:13 से सूर्यास्त तक) (सूर्योदय से पहले स्नान से 10,000 गोदान करने का फल)*
➡️ *16 जनवरी : प्रदोष व्रत एवं मासिक शिवरात्रि*
➡️ *18 जनवरी : दर्श अमावस्या, माघ अमावस्या एवं मौनी अमावस्या*
➡️ *20 जनवरी : व्यतीपात योग (रात्रि 08:01 से 21 जनवरी शाम 06:58 तक)*
*व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका 1 लाख गुना फल मिलता है। – वाराह पुराण*
➡️ *22 जनवरी : विनायक चतुर्थी, तिलकुंद चतुर्थी, वरद चतुर्थी एवं श्री गणेश जयंती*
➡️ *23 जनवरी : वसंत पंचमी (इस दिन सारस्वत्य मंत्र का अधिक-से-अधिक जप करना चाहिए।)*
➡️ *25 जनवरी : माघ शुक्ल सप्तमी (इस दिन प्रातः पुण्यस्नान, व्रत करके गुरु का पूजन करनेवाला सम्पूर्ण माघ मास के स्नान का फल व वर्षभर के रविवार व्रत का पुण्य पा लेता है। यह सम्पूर्ण पापों को हरनेवाली व सुख-सौभाग्य की वृद्धि करनेवाली है।), विजया सप्तमी (स्नान, दान, ध्यान, जप, तप, होम और उपवास – सब कुछ बड़े-बड़े पातकों का नाशक ब्रह्म पुराण), रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से रात्रि ११ बजकर १० मिनट तक) (सूर्यग्रहण-तुल्य व ध्यान, जप, मौन आदि का प्रभाव अक्षय)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
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