ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 19 दिसम्बर 2024*
*⛅दिन – गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – हेमन्त*
*🌥️ अमांत – 5 गते पौष मास प्रविष्टि*
*🌥️ राष्ट्रीय तिथि – 28 मार्गशीर्ष मास*
*⛅मास – पौष*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – चतुर्थी प्रातः 10:02 दिसम्बर 19 तक, तत्पश्चात पञ्चमी*
*⛅नक्षत्र – अश्लेशा रात्रि 02:00 दिसम्बर 20 तक, तत्पश्चात मघा*
*⛅योग – वैधृति शाम 06:34 तक, तत्पश्चात विष्कम्भ*
*⛅राहु काल – दोपहर 01:30 से दोपहर 02:45 तक*
*⛅सूर्योदय – 07:07*
*⛅सूर्यास्त – 05:21*
*⛅दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:29 से 06:22 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:16 से दोपहर 12:58 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:11 दिसम्बर 20 से रात्रि 01:04 दिसम्बर 20 तक*
*⛅विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है व पञ्चमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹औषधीय गुणों से भरपूर गाजर🔹*
*🔸’भावप्रकाश निघंटु’ के अनुसार यह मधुर तथा तिक्त रस युक्त, तीक्ष्ण, उष्ण व भूख बढ़ानेवाली है । यह रक्त व कांति वर्धक, कृमिनाशक, कफ को निकालनेवाली व वात को दूर करनेवाली है। । इसमें विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’, ‘डी’, प्रोटीन्स, कार्बोहाइड्रेट्स, फॉस्फोरस, लौह तत्त्व, रेशे (fibres) आदि पाये जाते हैं । यह रोगप्रतिकारक शक्ति (immunity) बढ़ाती है व विटामिन ‘ए’ की प्रचुरता होने से नेत्रज्योति की वृद्धि करती है ।*
*🔸गाजर में मूँग या चने की दाल डालकर घी में जीरा, हींग, अदरक, हल्दी, कढीपत्ता आदि की छौंक लगा के बनायी गयी सब्जी खाने से चिड़चिड़ापन, मानसिक तनाव आदि विकार दूर होते हैं तथा शरीर को पुष्टि मिलती है ।*
*🔸गाजर के टुकड़ों में सेंधा नमक, कटा पुदीना, टमाटर, अदरक तथा नींबू का रस मिलाकर सलाद के रूप में सेवन करने से पाचनशक्ति की वृद्धि होती है, भोजन में अरुचि, अफरा (gas) आदि का निवारण होता है । आटे में कद्दूकश की हुई गाजर, कटा हरा धनिया, हल्दी, अजवायन, नमक और मिर्च मिला के रोटी बना सकते हैं ।*
*🔸स्वास्थ्यप्रद गाजर रस🔸*
*🔸गाजर का रस रक्तशुद्धिकर होने से कील- मुँहासे, फोड़े-फुंसी आदि में लाभकारी है । यह रक्ताल्पता (anaemia) को दूर करता है, वर्ण में निखार लाता है व यकृत (liver) की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मददरूप हैं ।*
*🔹औषधीय प्रयोग🔹*
*🔸गाजर का रस दिन में १-२ बार पीने से हृदय-दौर्बल्य में लाभ होता है ।*
*🔸इसके रस में १-२ चम्मच शहद मिलाकर सेवन करना छाती के दर्द में हितकारी है । इस प्रयोग में गाजर को पहले उबाल लें फिर रस निकालें ।*
*🔸 इसके रस में चुकंदर का २५ मि.ली. रस मिलाकर दिन में १-२ बार पीने से मासिक धर्म की अनियमितता तथा अवरोध में लाभ होता है ।*
*🔸गाजर-रस की मात्रा : ४०-५० मि.ली.*