
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 06 अगस्त 2025*
*⛅दिन – बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*⛈️ अमांत – 22 गते श्रावण मास प्रविष्टि*
*⛈️ राष्ट्रीय तिथि – 15 श्रावण मास*
*⛅मास – श्रावण*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – द्वादशी दोपहर 02:08 तक तत्पश्चात् त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र – मूल दोपहर 01:00 तक तत्पश्चात् पूर्वाषाढा*
*⛅योग – वैधृति सुबह 07:18 तक तत्पश्चात् विष्कम्भ*
*⛅राहुकाल – दोपहर 12:23 से दोपहर 02:02 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:38*
*⛅सूर्यास्त – 07:07*
*⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:45 से प्रातः 05:29 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:24 अगस्त 07 से रात्रि 01:07 अगस्त 07 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – प्रदोष व्रत*
*⛅️विशेष – द्वादशी को पूतिका (पोई) व त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹इन आठ पुष्पों से भगवान तुरंत प्रसन्न होते हैं । वे आठ पुष्प इस प्रकार हैं :-*
🔸 *(१) इन्द्रियनिग्रह : व्यर्थ देखने, सूँघने, सोचने, इधर-उधर व्यर्थ जगह पर भटकने की आदत को रोकना इसको कहते हैं इन्द्रियनिग्रहरूपी पुष्प ।*
🔸 *(२) अहिंसा : मन-वचन-कर्म से किसीको दुःख न देना ।*
🔸 *(३) निर्दोष प्राणियों पर दया : मूक एवं निर्दोष प्राणियों को न सताना । दोषी को अगर दंड भी देना हो तो उसके हित की भावना से देना ।*
🔸 *(४) क्षमारूपी पुष्प ।*
🔸 *(५) मनोनिग्रह (शम) : मन को एक जगह पर लगाने का अभ्यास करना, एकाग्र करना ।*
🔸 *(६) ध्यान: भगवान का ध्यान करना ।*
🔸 *(७) सत्य का पालन ।*
🔸 *(८) श्रद्धा : भगवान और भगवान को पाये हुए महापुरुषों में दृढ़ श्रद्धा रखना ।*
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