
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 05 अगस्त 2025*
*⛅दिन – मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*⛈️ अमांत – 21 गते श्रावण मास प्रविष्टि*
*⛈️ राष्ट्रीय तिथि – 14 श्रावण मास*
*⛅मास – श्रावण*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – एकादशी दोपहर 01:12 तक तत्पश्चात् द्वादशी*
*⛅नक्षत्र – ज्येष्ठा सुबह 11:23 तक तत्पश्चात् मूल*
*⛅योग – इन्द्र सुबह 07:25 तक तत्पश्चात् वैधृति*
*⛅राहुकाल – शाम 03:43 से शाम 05:23 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:38*
*⛅सूर्यास्त – 07:08*
*⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:45 से प्रातः 05:29 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:19 से दोपहर 01:12*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:24 अगस्त 06 से रात्रि 01:07 अगस्त 06 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – पुत्रदा – पवित्रा एकादशी, मंगला गौरी व्रत, दामोदर द्वादशी*
*⛅️विशेष – एकादशी को शिम्बी (सेम) व द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹प्रातः भ्रमण की महत्ता 🔹*
*🔸 प्रातः एवं सायं भ्रमण उत्तम स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभप्रद है । पशुओं का राजा सिंह सुबह 3.30 से 5 बजे के दौरान अपने बच्चों के साथ उठकर गुफा से बाहर निकल के साफ हवा में भ्रमण कर आसपास की किसी ऊँची टेकरी पर सूर्य की ओर मुँह करके बैठ जाता है । सूर्य का दर्शन कर शक्तिशाली कोमल किरणों को अपने शरीर में लेने के पश्चात ही गुफा में वापस आता है । यह उसके बलशाली होने का एक राज है ।*
*🔸उत्तम स्वास्थ्य की इस कुंजी के द्वारा आप मानो चरैवेति चरैवेति । आगे बढ़ो, आगे बढ़ो । यह वैदिक संदेश ही जनसाधारण तक पहुँचाना चाहते हैं । “प्रातः ब्राह्ममुहूर्त में वातावरण में निसर्ग की शुद्ध एवं शक्तियुक्त ओजोन वायु का बाहुल्य होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हितकारी है ।*
*प्रातःकाल की वायु को, सेवन करत सुजान।*
*तातें मुख छवि बढ़त है, बुद्धि होत बलवान।।*
*🔸 भ्रमण नियमित होना चाहिए । अधिक चलने से थकान आ जाती है । थकान से तमोगुण आ जाता है । सर्वथा न चलने से भी मनुष्य आलसी हो जाता है । उससे भी तमोगुण आ जाता है । अतः प्रतिदिन अवश्य भ्रमण करना चाहिए ।*
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