
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 17 जून 2025*
*⛅दिन – मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – ग्रीष्म*
*🌤️ अमांत – 3 गते आषाढ़ मास प्रविष्टि*
*🌤️ राष्ट्रीय तिथि – 27ज्येष्ठ मास*
*⛅मास – आषाढ़*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – षष्ठी दोपहर 02:46 तक तत्पश्चात् सप्तमी*
*⛅नक्षत्र – शतभिषा रात्रि 01:01 जून 18 तक तत्पश्चात् पूर्वभाद्रपद*
*⛅योग – विष्कम्भ सुबह 09:34 तक तत्पश्चात् प्रीति*
*⛅राहुकाल शाम 03:47 से शाम 05:31 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:16*
*⛅सूर्यास्त – 07:20*
*⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:31 से प्रातः 05:12 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:20 जून 18 से रात्रि 01:02 जून 18 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – त्रिपुष्कर योग (रात्रि 01:01 जून 18 से प्रातः 05:54 जून 18 तक)*
*⛅विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातून मुंह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹सिर व बालों की समस्याओं से बचने हेतु🔹*
*🔸सर्वांगासन ठीक ढंग से करते रहने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं, बाल झड़ने बंद हो जाते हैं और जल्दी सफेद नहीं होते अपितु काले, चमकीले और सुंदर बन जाते हैं । आँवले का रस कभी – कभी बालों की जड़ों में लगाने से उनका झड़ना बंद हो जाता है । ( सर्वांगासन की विधि आदि पढ़े आश्रम से प्रकाशित पुस्तक ‘योगासन’ के पृष्ठ १५ पर । )*
*🔸युवावस्था से ही दोनों समय भोजन करने के बाद वज्रासन में बैठकर दो – तीन मिनट तक लकड़ी की कंघी सिर में घुमाने से बाल जल्दी सफेद नहीं होते तथा बाल और मस्तिष्क की पीड़ा संबंधी रोग नहीं होते । सिरदर्द दूर होकर मस्तिष्क बलवान बनता है । बालों का जल्दी गिरना, सिर की खुजली व गर्मी आदि रोग दूर होने में सहायता मिलती है । गोझरण अर्क में पानी मिलाकर बालों को मलने से वे मुलायम, पवित्र, रेशम जैसे हो जाते हैं । घरेलू उपाय बाजारू चीजों से सात्त्विक, सचोट और सस्ते हैं ।*
*🔹प्यास व भूख लगने पर..*
*प्यास लगे तो जल पियें, भूख तो भोजन खायें ।*
*भ्रमण करे नित भोर में, ता घर वैद्य न जायें ।।*
*जो सदा प्यास लगने पर ही पानी पीता है, भूख लगने पर ही भोजन करता है और नियमितरुप से प्रात:काल में भ्रमण करता है, उसके घर वैद्य नहीं जाते, अर्थात वह स्वस्थ्य रहता है ।*
*🔹ससुराल में कोई तकलीफ🔹*
*किसी सुहागन बहन को ससुराल में कोई तकलीफ हो तो शुक्ल पक्ष की तृतीया को उपवास रखें … उपवास माने एक बार बिना नमक का भोजन कर के उपवास रखें..भोजन में दाल चावल सब्जी रोटी नहीं खाएं, दूध रोटी खा लें.. शुक्ल पक्ष की तृतीया को.. अमावस्या से पूनम तक की शुक्ल पक्ष में जो तृतीया आती है, उस दिन ऐसा उपवास रखें …नमक बिना का भोजन (दूध रोटी) , एक बार खाएं बस ।*
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