ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 03 जून 2023*
*⛅दिन – शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2080*
*⛅शक संवत् – 1945*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – ग्रीष्म*
*🌤️ अमांत – 19 गते जयेष्ठ मास प्रविष्टि*
*🌤️राष्ट्रीय तिथि – 13 ज्येष्ठ मास*
*⛅मास – ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – चतुर्दशी सुबह 11:16 तक तत्पश्चात पूर्णिमा*
*⛅नक्षत्र – विशाखा सुबह 06:16 तक तत्पश्चात अनुराधा*
*⛅योग – शिव दोपहर 02:48 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*⛅राहु काल – सुबह 08:48 से 10:31 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:17*
*⛅सूर्यास्त – 07:15*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:29 से 05:12 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:17 से 12:59 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – वट पूर्णिमा, वटसावित्री व्रत (पूर्णिमांत)*
*⛅विशेष – चतुर्दशी एवं पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🌹 वट पूर्णिमा / वटसावित्री व्रत – 03 जून 2023 🌹*
*🌹 व्रत-विधि : इसमें वटवृक्ष की पूजा की जाती है । विशेषकर सौभाग्यवती महिलाएँ श्रद्धा के साथ ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी से पूर्णिमा तक अथवा कृष्ण त्रयोदशी से अमावास्या तक तीनों दिन अथवा मात्र अंतिम दिन व्रत-उपवास रखती हैं । यह कल्याणकारक व्रत विधवा, सधवा, बालिका, वृद्धा, सपुत्रा, अपुत्रा सभी स्त्रियों को करना चाहिए ऐसा ‘स्कंद पुराण’ में आता है ।*
*🌹 प्रथम दिन संकल्प करें कि ‘मैं मेरे पति और पुत्रों की आयु, आरोग्य व सम्पत्ति की प्राप्ति के लिए एवं जन्म-जन्म में सौभाग्य की प्राप्ति के लिए वट-सावित्री व्रत करती हूँ ।’*
*🌹 वट के समीप भगवान ब्रह्माजी, उनकी अर्धांगिनी सावित्री देवी तथा सत्यवान व सती सावित्री के साथ यमराज का पूजन कर ‘नमो वैवस्वताय’ इस मंत्र को जपते हुए वट की परिक्रमा करें । इस समय वट को 108 बार या यथाशक्ति सूत का धागा लपेटें । फिर निम्न मंत्र से सावित्री को अर्घ्य दें ।*
*🌹 अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते ।* *पुत्रान् पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तु ते ।।*
*🌹 निम्न श्लोक से वटवृक्ष की प्रार्थना कर गंध, फूल, अक्षत से उसका पूजन करें ।*
*वट सिंचामि ते मूलं सलिलैरमृतोपमैः । यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले ।*
*तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मां सदा ।।*
*🔹इस गलती से घेर लेंगी बीमारियाँ🔹*
*🔸आइसक्रीम तो वैसे ही हानि करती है लेकिन भोजन के बाद आइसक्रीम खाना तो अत्यंत हानिकारक है। जो भोजन के बाद आइसक्रीम खाते हैं उन्हें जवानी में तो पता नहीं चलता परंतु ४० साल की उम्र के बाद उन्हें अस्पताल जाना पड़ता है ।*
*अरे, तवे पर तो रोटी डाली है और ऊपर से ठंडा पानी डालें तो क्या रोटी का सत्यानाश नहीं होगा ? ऐसे ही भोजन किया है, पेट में तो जठराग्नि खाना पचा रही है और फिर पेट में कुछ ठंडा डाला तो जठराग्नि मंद होगी । भोजन के साथ ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए, गुनगुना पानी पीना चाहिए । ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक्स आदि भोजन के समय पीते हैं तो बीमारियाँ होती हैं ।*
*🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹*
*🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*
*🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*
*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*
*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
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