ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 30 मई 2023*
🌤️ *दिन – मंगलवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
🌤️ *अमांत – 15 गते जयेष्ठ मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 9 ज्येष्ठ मास*
🌤️ *मास – ज्येष्ठ*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – दशमी दोपहर 01:07 तक तत्पश्चात एकादशी*
🌤️ *नक्षत्र – हस्त पूर्ण रात्रि तक*
🌤️ *योग – सिद्धि रात्रि 08:55 तक तत्पश्चात व्यतीपात*
🌤️ *राहुकाल – शाम 03:41 से शाम 05:24 तक*
🌞 *सूर्योदय-05:18*
🌤️ *सूर्यास्त- 19:13*
👉 *दिशाशूल- उत्तर दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – गंगा दशहरा समाप्त*
🔥 *विशेष –
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *व्यतिपात योग* 🌷
🙏🏻 *व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।*
💥 *विशेष ~ व्यतिपात योग – 30 मई 2023 मंगलवार को रात्रि 08:56 से 31 मई 2023 बुधवार को रात्रि 08:15 तक व्यतिपात योग है।*
🙏🏻 *कथा स्रोत – बडोदा २००८ में १२ नवम्बर को सुबह के दीक्षा सत्र में (स्वामी सुरेशानन्द जी के सत्संग से)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *एकादशी व्रत के लाभ* 🌷
➡️ *30 मई 2023 मंगलवार को दोपहर 01:08 से 31 मई 2023 बुधवार को दोपहर 01:45 तक एकादशी है।*
💥 *विशेष – 31 मई, बुधवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें।*
🙏🏻 *एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
🙏🏻 *धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
🙏🏻 *कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
🙏🏻 *परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *एकादशी के दिन करने योग्य* 🌷
🙏🏻 *एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें ..विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
*एकादशी के दिन ये सावधानी रहे*
🙏🏻 *महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है… तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है…ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा*
🌞 *~ वैदिक पंचाग ~* 🌞
🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🌷🌺🌹🙏🏽