ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 24 अक्टूबर 2024*
*⛅दिन – गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – हेमन्त*
*⛅ अमांत – 8 गते कार्तिक मास प्रविष्टि*
*⛅ राष्ट्रीय तिथि – 1 कार्तिक मास*
*⛅मास – कार्तिक*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – अष्टमी रात्रि 01:58 अक्टूबर 25 तक तत्पश्चात नवमी*
*⛅नक्षत्र – पुष्य पूर्ण रात्रि तक*
*⛅योग – साध्य प्रातः 05:23 अक्टूबर 25 तक तत्पश्चात शुभ*
*⛅राहु काल – दोपहर 01:24 से 02:47 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:25*
*⛅सूर्यास्त – 05:37*
*⛅दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:00 से 05:50 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:01 से दोपहर 12:46 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:59 अक्टूबर 24 से रात्रि 12:49 अक्टूबर 25 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – अहोई अष्टमी, राधा कुण्ड स्नान, कालाष्टमी, गुरु पुष्य अमृत योग (अहोरात्रि), सर्वार्थ सिद्धि योग (अहोरात्रि), अमृत सिद्धि योग (अहोरात्रि)*
*⛅विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। इस दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹कार्तिक मास में विशेष पुण्यदायी 🔹*
*🔸प्रात: स्नान, दान, जप, व्रत, मौन, देव – दर्शन, गुरु – दर्शन, पूजन का अमिट पुण्य होता है । सवेरे तुलसी का दर्शन भी समस्त पापनाशक है । भूमि पर शयन, ब्रह्मचर्य का पालन, दीपदान, तुलसीबन अथवा तुलसी के पौधे लगाना हितकारी है ।*
*🔸भगवदगीता का पाठ करना तथा उसके अर्थ में अपने मन को लगाना चाहिए । ब्रह्माजी नारदजी को कहते हैं कि ‘ऐसे व्यक्ति के पुण्यों का वर्णन महिनों तक भी नहीं किया जा सकता ।’*
*🔸श्रीविष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना भी विशेष लाभदायी है । ‘ॐ नमो नारायणाय ‘। इस महामंत्र का जो जितना अधिक जप करें, उसका उतना अधिक मंगल होता है । कम – से – कम १०८ बार तो जप करना ही चाहिए ।*
*🔸 प्रात: उठकर करदर्शन करें । ‘पुरुषार्थ से लक्ष्मी, यश, सफलता तो मिलती है पर परम पुरुषार्थ मेरे नारायण की प्राप्ति में सहायक हो’ – इस भावना से हाथ देखें तो कार्तिक मास में विशेष पुण्यदायी होता है ।*
*🔹सूर्योदय के पूर्व स्नान अवश्य करें🔹*
*🔸जो कार्तिक मास में सूर्योदय के बाद स्नान करता है वह अपने पुण्य क्षय करता है और जो सूर्योदय के पहले स्नान करता है वह अपने रोग और पापों को नष्ट करनेवाला हो जाता है । पूरे कार्तिक मास के स्नान से पापशमन होता है तथा प्रभुप्रीति और सुख – दुःख व अनुकूलता – प्रतिकूलता में सम रहने के सदगुण विकसित होते हैं ।*
*🔹पथरी व पेशाब संबंधी तकलीफों में…🔹*
*🔸कइयों का पेशाब आना बंद हो जाता है अथवा ठीक से नहीं आता तो डॉक्टर नली डाल देते हैं, थैली लटका देते हैं, उसमें पेशाब बूँद-बूँद गिरता रहता है और लोग बीमार बने रहते हैं । ऐसा करवाने की कोई जरूरत नहीं है । पेशाब संबंधी तकलीफें हों, पथरी की बीमारी हो, गुर्दे (kidney) की सूजन हो तो सरल-सीधे उपाय हैं :*
*🔸(१) मकई के भुट्टे में जो रेशम जैसे बाल होते हैं वे बाल और दाने निकालकर टुकड़े किये हुए भुट्टे सुखा दो । उनको जलाकर राख बना दो और कपड़े से छान के रख लो । १-१ ग्राम राख सुबह-शाम पानी से फाँको । पथरी की बीमारी में फायदा, पेशाब की कमी या और कुछ गड़बड़ है तो उन सबमें फायदा हो जायेगा ।*
*🔸(२) इष्टमंत्र या गुरुमंत्र का जप करो और मकई के भुट्टे के ५० ग्राम बालों को मसलकर २ लीटर पानी में धीमी आँच पर उबालो । १ लीटर पानी बच जाय फिर उसको छान लो । उस पानी को थोड़ा-थोड़ा करके दिनभर में पी लो । इससे गुर्दों की सूक्ष्म कोशिकाओं की शुद्धि होकर गुर्दों की सूजन, गुर्दों की अकर्मण्यता (kidney failure), पथरी, पेशाब में बार-बार होनेवाला संक्रमण आदि विकारों में चमत्कारिक लाभ होता । काहे को डायलिसिस कराना, काहे को गुर्दे है । (किडनियाँ) बदलवाना !*
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