ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 09 फरवरी 2023*
🌤️ *दिन – गुरुवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2079*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *अमांत – 26 गते माघ मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 20 माघ मास*
🌤️ *मास – फाल्गुन ( गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार माघ)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – चतुर्थी पूर्ण रात्रि तक*
🌤️ *नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी रात्रि 10:27 तक तत्पश्चात हस्त*
*🌤️योग – सुकर्मा शाम 04:46 तक तत्पश्चात धृति*
🌤️ *राहुकाल – दोपहर 01:52 से शाम 03:14 तक*
*🌞 सूर्योदय- 07:03*
🌦️ *सूर्यास्त – 18:01*
👉 *दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- संकष्ट चतुर्थी (चंद्रोदय:रात्रि 09:38) चतुर्थी वृद्धि तिथि*
*🔥विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
👉🏻 *सुख शांति व बरकत बढ़ाने का उपाय | शराब छुडाने का अचूक उपाय*⤵️
🌷 *शराब की आदत छुडाने के लिए* 🌷
🍺 *जिन्हें शराब पीने की आदत हो वो रोज शराब की जगह गौझरण अर्क पियें । इससे उनकी शराब की लत छूट जाएगी, साथ ही उनकी कई बीमारियाँ भी दूर होंगी ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *गले व छाती के रोगों में क्या करें* 🌷
➡ *१) गले में दर्द, खाँसी, कफ, संक्रमण (इन्फेक्शन ) आदि में आधा चम्मच पिसी हल्दी मुँह में रखकर मुँह बंद कर लें | लार के साथ हल्दी अंदर जाने से उपरोक्त सभी बीमारियों में आराम मिलता है | बच्चों की टॉन्सिल्स की समस्या में ऑपरेशन न कराके इस प्रयोग से लाभ लें | (बच्चों के लिए हल्दी की मात्रा – पौन चम्मच)*
➡ *२) छाती की गम्भीर बीमारियाँ जैसी – डीएमए, पुरानी खाँसी, न्युमोनिया आदि में सुबह आधा कप ताजा गोमूत्र कपड़े से ७ बार छानकर पीना लाभदायक है | गोमूत्र नहीं मिले तो आश्रम की गौशाला में बना हुआ १०-१५ ग्राम गोझरण अर्क और उतना ही पानी मिलाकर लेना भी लाभदायी है | ५ – ६ महिने तक लगातार गोमूत्र पीने से क्षयरोग (टी.बी.) में भी आराम मिलता है |*
➡ *३) दमे में प्रतिदिन खाली पेट १ – २ ग्राम दालचीनी का चूर्ण गुड़ या शहद मिलाकर गरम पानी के साथ लेना हितकारी है |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *सुख-शांति व बरकत के उपाय* 🌷
🌿 *· तुलसी को रोज जल चढायें तथा गाय के घी का दीपक जलायें |*
🍃 *· सुबह बिल्वपत्र पर सफेद चंदन का तिलक लगाकर संकल्प करके शिवलिंग पर जल अर्पित करें तथा पूरी श्रद्धा से प्रार्थना करें |*