ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 23 अगस्त 2024*
*⛅दिन – शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – शरद*
*🌦️ अमांत – 8 गते भाद्रपद मास प्रविष्टि*
*🌦️ राष्ट्रीय तिथि – 2 श्रावण मास*
*⛅मास – भाद्रपद*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – चतुर्थी प्रातः 10:38 तक तत्पश्चात पंचमी*
*⛅नक्षत्र – रेवती शाम 07:54 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*⛅योग – शूल प्रातः 09:31 तक, तत्पश्चात गंड प्रातः 06:09 अगस्त 24 तक, तत्पश्चात वृद्धि*
*⛅राहु काल – प्रातः 10:43 से दोपहर 12:19 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:49*
*⛅सूर्यास्त – 06:50*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:49 से 05:34 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:16 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 अगस्त 24 से रात्रि 01:05 अगस्त 24 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण – सर्वार्थ सिद्धि योग (पूर्ण रात्रि तक), अमृत सिद्धि योग (प्रातः 06:19 से शाम 07:54 तक)*
*⛅विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है व पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔸सुखमय जीवन के सोपान-स्वाति के मोती🔸*
*🔹कलियुग से बचने के लिए हरेक भाई-बहन को नल-दमयंती की कथा पढ़नी चाहिए । नल-दमयंती की कथा पढ़ने से कलियुग का असर नही होगा, बुद्धि शुद्ध होगी ।*
*🔹गाय की सेवा करने से सब कामनाएं सिद्ध होती है । गाय को सहलाने से, उसकी पीठ आदि पर हाथ फेरने से वह प्रसन्न होती है । असाध्य रोगों में लगभग ६-१२ महीने यह प्रयोग करना चाहिए ।*
*🔹कहीं जाते समय रास्ते में गाय आ जाय तो उसे अपनी दाहिनी तरफ करके निकालना चाहिए । दाहिनी तरफ करने से उसकी परिक्रमा हो जाती है ।*
*🔹रोगी व्यक्ति कुछ भी खा-पी न सके तो गेहूँ आदि अग्नि में डालकर उसका धुआँ देना चहिये । उस धुएँ से रोगी को पुष्टि मिलती है ।*
*🔹मरणासन्न व्यक्ति के सिरहाने गीता जी रखें । दाह-संस्कार के समय उस ग्रन्थ को गंगाजी में बहा दें, जलाये नहीं ।*
*🔹मृतक के अग्नि-संस्कार की शुरआत तुलसी की लकड़ियों से करें अथवा उसके शरीर पर थोड़ी सी तुलसी की लकड़ियाँ बिछा दें, इससे दुर्गति से रक्षा होती है ।*
*🔹घर में किसी की मृत्यु होने पर सत्संग, मंदिर और तीर्थ – इन तीनों में शोक नहीं करना चाहिए अर्थात इन तीनों जगह जरुर जाना चाहिए ।*