ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
?️ *दिनांक – 09 मार्च 2024*
?️ *दिन – शनिवार*
?️ *विक्रम संवत – 2080*
?️ *शक संवत -1945*
?️ *अयन – उत्तरायण*
?️ *ऋतु – वसंत ॠतु*
?️ *अमांत – 25 गते फाल्गुन मास प्रविष्टि*
?️ *राष्ट्रीय तिथि – 19 माघ मास*
?️ *मास – फाल्गुन (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार माघ)*
?️ *पक्ष – कृष्ण*
?️ *तिथि – चतुर्दशी शाम 06:17 तक तत्पश्चात अमावस्या*
?️ *नक्षत्र – धनिष्ठा सुबह 07:55 तक तत्पश्चात शतभिषा*
?️ *योग – सिद्ध रात्रि 08:32 तक तत्पश्चात साध्य*
?️ *राहुकाल – सुबह 09:32 से सुबह 11:00 तक*
? *सूर्योदय-06:35*
?️ *सूर्यास्त- 18:21*
? *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
? *व्रत पर्व विवरण – पंचक*
? *विशेष – चतुर्दशी अमावस्या व व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
? *ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)*
? *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)*
? *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *युगादि तिथि* ?
➡ *10 मार्च 2024 रविवार को युगादि तिथि है ।*
?? *जैसे कि हम जानते हैं कि चार युग होते है:-*
?? *सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग, कलियुग ये सभी युग भिन्न भिन्न तिथियों को प्रारम्भ हुए थे l*
?? *युग+आदि अर्थात युग के आरम्भ होने की तिथि, इसे ही युगादि तिथि कहते हैं अर्थात जिस तिथि को अतीत या भविष्य में एक नया युग आरम्भ हुआ या होगा, वही युगादि तिथि कहलाती है ।*
?? *युगादि तिथियाँ बहुत ही शुभ होती हैं, इस दिन किया गया जप, तप, ध्यान, स्नान, दान, यज्ञ, हवन आदि अक्षय (जिसका नाश/क्षय न हो) फल होता है l*
?? *प्रत्येक युग में सौ वर्षों तक दान करने से जो फल होता है, वह युगादि-काल में एक दिन के दान से प्राप्त हो जाता है ।*
?? *नारद पुराण, हेमाद्रि, तिथितत्व, निर्णयसिन्धु, पुरुषचिन्तामणि, विष्णु पुराण और भुजबल निबन्ध में इसका उल्लेख प्राप्त है।*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए* ?
➡ *10 मार्च 2024 रविवार को दर्श अमावस्या और फाल्गुन अमावस्या है।*
? *घर में हर अमावस अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *अमावस्या* ?
?? *अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है (विष्णु पुराण)*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए* ?
? *हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।*
? *सामग्री : १. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गूगल, ७. गुड़, ८. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।*
? *विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।*
? *आहुति मंत्र* ?
? *१. ॐ कुल देवताभ्यो नमः*
? *२. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः*
? *३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः*
? *४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः*
? *५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः*
