पहाड़ का सच,देहरादून
उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त किये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का यह फैसला जल्दबाजी में लिया गया फैसला है। उन्होंने कहा कि भारतीय कानून कहता है कि 100 गुनहगार छूट जाये परन्तु एक बेगुनाह को सजा नहीं होनी चाहिए तथा प्राकृतिक न्याय का भी यही सिद्धांत है कि विपक्षी को भी अपनी बात कहने का अधिकार दिया जाता है। उन्होंने कहा कि राहुल को देश की जनता व लोकसभा में सच बोलने की सजा मिली है। राहुल देश की जनता के सामने सच्चाई रख रहे थे तथा उन्हें रोकने के लिए भाजपा सरकार ने कोर्ट का सहारा लिया है।
करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी न्यायालय और न्यायपालिका का सम्मान करती है। परन्तु जब कोर्ट ने राहुल गांधी जी को ऊपरी अदालत में एक माह का समय दिया था तो फिर सदस्यता समाप्त करने का फैसला आनन-फानन में क्यों लिया गया? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी ने सत्य ही कहा था कि लोकतंत्र खतरे में है। सरकार लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष और जनता की आवाज नहीं सुनना चाहती है इसीलिए उन्हें सदन से बाहर का रास्ता दिखा रही है। लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा की इस तानाशाही से डरने वाले नहीं हैं कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा की इस हिटलरशाही का डटकर मुकाबला करेंगे।
करन माहरा ने कहा कि भाजपा नेता कभी संसद में महिलाओं का अपमान करते हैं कभी राज्यों में महिलाओं के चरित्र पर कीचड़ उछाला जाता है तब उन्हें किसी प्रकार की मर्यादा की हानि नजर नहीं आती है। उन्होंने कहा कि स्वयं प्रधानमंत्री ने सदन में विपक्षी दल की महिला सांसदों को सूर्पनखा तथा जर्सी गाय तक कह डाला था तब उन्हें नैतिकता और मानहानि की परिभाषा याद नहीं आती है?
करन माहरा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक ही उद्देश्य रहा है कि ऐन-केन-प्रकारेण पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक नेहरू-गांधी परिवार का अपमान कर राजनीति करते रहें ताकि संसद में जनता के प्रति जवाबदेही से बचा जा सके।
राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त किये जाने पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को डराने और धमकाने का जो प्रयास कर रहे हैं उससे कांग्रेस कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के फैसले को बिनाश काले विपरीत बुद्धि जैसा बताया है।