
पहाड़ का सच/एजेंसी
रबात। मोरक्को शुक्रवार की रात भीषण भूकंप की चपेट मैं आ गया, भूकंप के कारण अब तक कम से कम 632 लोगों की मौत हो गई है। भूकंप के झटके इतने भयंकर थे कि ऐतिहासिक मराकेश शहर से लेकर एटलस पर्वत पर स्थित गांवों तक कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। देश के गृह मंत्रालय ने शनिवार तड़के बताया कि भूकंप के कारण 600 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंत्रालय ने बताया कि सबसे अधिक नुकसान शहरों और कस्बों के बाहर हुआ है।

ऐत दाउद ने बताया कि प्राधिकारी प्रांत में सड़कों को साफ कर रहे हैं, ताकि एंबुलेंस वहां से गुजर सकें और प्रभावित आबादी को सहायता मुहैया कराई जा सके। उन्होंने कहा कि पर्वत पर स्थित गांवों के बीच अत्यधिक दूरी के कारण नुकसान का आकलन करने में समय लगेगा। मोरक्कोवासियों ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो साझा किए हैं, जिनमें इमारतें ढहकर मलबे में बदली दिखाई दे रही हैं और चारों तरफ धूल नजर आ रही है। मोरक्को के ऐतिहासिक शहर मराकेश के चारों ओर बनी प्रसिद्ध लाल दीवारों के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. मराकेश यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन) के विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने बताया कि रात 11 बजकर 11 मिनट पर आए भूकंप की प्रारंभिक तीव्रता 6.8 थी और भूकंप बाद के झटके कई सेकंड तक जारी रहे। मोरक्को के राष्ट्रीय भूकंपीय निगरानी एवं चेतावनी नेटवर्क ने रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता सात मापी। अमेरिकी एजेंसी ने 19 मिनट बाद 4.9 तीव्रता का भूकंप के बाद का झटका आने की सूचना दी। यूएसजीएस ने बताया कि भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 18 किलोमीटर गहराई में था, जबकि मोरक्को की एजेंसी के मुताबिक, इसका केंद्र आठ किलोमीटर गहराई में था। शुक्रवार को आए इस भूकंप का केंद्र मराकेश से लगभग 70 किलोमीटर दक्षिण में एटलस पर्वत की चोटी पर था. उत्तरी अफ्रीका में भूकंप अपेक्षाकृत कम आते हैं।
