– पूर्व विधायक आशा नौटियाल को टिकट, कांग्रेस के मनोज रावत के बीच होगी टक्कर
– टिकट से वंचित ऐश्वर्या व कुलदीप खड़ी कर सकते हैं भाजपा के लिए परेशानी
पहाड़ का सच देहरादून। कुछ समय पहले बदरीनाथ व मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में पार्टी कैडर से अलग व बाहरी प्रत्याशी की हार से सबक लेते हुए भाजपा ने केदारनाथ उपचुनाव में पार्टी कार्यकत्री व पूर्व विधायक आशा नौटियाल को टिकट दिया है। अब आशा नौटियाल व कांग्रेस के मनोज रावत के बीच सीधा मुकाबला होगा।
भाजपा ने तमाम अटकलों को दरकिनार करते हुए दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की पुत्री ऐश्वर्या रावत के दावे को खारिज करते हुए अपने मूल कैडर को ही नम्बर वन पर रखा। शैला रानी रावत मूल रूप से भाजपा कैडर ही नहीं थी। शैला राज्य में 2016 में हरीश रावत सरकार के तख्तापलट के दौरान पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत व अन्य के साथ भाजपा में शामिल हुई थी और उसके बाद भाजपा के टिकट से चुनाव जीती थी। यही कारण है कि टिकट के लिए कैडर के आधार में उनकी पुत्री पिछड़ गई।
रविवार को कांग्रेस के उम्मीदवार मनोज रावत के नाम की घोषणा के बाद भाजपा ने देर रात पूर्व विधायक व भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष आशा नौटियाल को टिकट देकर चुनावी जंग को रोचक बना दिया।चूंकि, कांग्रेस में टिकट के दावेदारों में बहुत जंग नहीं छिड़ी थी लेकिन भाजपा में शैलारानी की पुत्री ऐश्वर्या रावत व कुलदीप की दावेदारी ने भाजपा को बेचैन कर दिया था। .पूर्व के दो उपचुनाव में निर्दलीय कुलदीप ने करीब 12 हजार मत लेकर सभी को चौंका दिया था। इस बार कुलदीप भाजपा से टिकट मांग रहे थे।
जबकि ऐश्वर्या रावत मां के निधन के बाद केदारनाथ इलाके में जनसम्पर्क में जुटी हुई थी। बहरहाल, रविवार को केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा व कांग्रेस के उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो गयी है। भाजपा के टिकट वितरण के बाद ऐश्वर्या रावत व कुलदीप को मनाना बड़ी चुनौती मानी जा रही है।
केदारनाथ उपचुनाव का परिणाम दोनों दलों की भविष्य की राजनीति के लिए मुख्य पड़ाव माना जा रहा है। कांग्रेस के मुकाबले भाजपा में नाराजगी व भितरघात की कहानी ज्यादा जोर शोर से उभरने की उम्मीद है। वैसे मनोज रावत को टिकट मिलने के बाद कांग्रेस का विरोधी धड़ा इसे अपनी राजनीतिक हार मानकर चल रहा है जिसका असर चुनाव में दिख सकता है।