पहाड़ का सच
पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है. यह काफी चिंताजनक है, क्योंकि अधिकतर मामलों में युवा इस जानलेवा कंडीशन का शिकार हो रहे हैं। पहले माना जाता था कि हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा उम्र के लोगों को होता है, लेकिन गलत लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खान-पान की वजह से आज के समय में सभी उम्र के लोगों को इसका खतरा है। जिन लोगों की फिजिकल हेल्थ अच्छी है, वे लोग भी कुछ गलत आदतों की वजह से हार्ट अटैक की चपेट में आकर जान गंवा रहे हैं. यह खतरनाक ट्रेंड बढ़ रहा है, जिससे बचाव करना बेहद जरूरी है।
नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वनीता अरोरा कहती हैं कि हार्ट अटैक के मामले बढ़ने की कई वजह हो सकती हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल, ज्यादा ब्लड शुगर, हाइपरटेंशन और कई बीमारियों की वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि कुछ गलत आदतें भी अटैक जैसी जानलेवा परेशानी की वजह बन सकती हैं। अधिकतर युवा अपनी हेल्थ को लेकर कई गलतियां करते हैं, जिसका सीधा असर हार्ट हेल्थ पर होता है। स्मोकिंग और जंक फूड जैसी आदतें भी हार्ट को गंभीर नुकसान पहुंचाती हैं। इन आदतों को सुधारकर हार्ट अटैक का खतरा कम किया जा सकता है।
कुछ उपायों को अपनाकर रोका जा सकता है हार्ट अटैक को
अपने कोलेस्ट्रोल स्तर को 130 एमजी/ डीएल तक
अपने कोलेस्ट्रोल स्तर को 130 एमजी/ डीएल तक रखिए. कोलेस्ट्रोल के मुख्य स्रोत जीव उत्पाद हैं, जिनसे जितना अधिक हो, बचने की कोशिश करनी चाहिए। अगर आपके यकृत यानी लीवर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रोल का निर्माण हो रहा हो तब आपको कोलेस्ट्रोल घटाने वाली दवाओं का सेवन करना पड़ सकता है।
‘जीरो ऑयल’ भोजन निर्माण विधि का प्रयोग
अपना सारा भोजन बगैर तेल के बनाएं लेकिन मसाले का प्रयोग बंद नहीं करें. मसाले हमें भोजन का स्वाद देते हैं न कि तेल का। हमारे ‘जीरो ऑयल’ भोजन निर्माण विधि का प्रयोग करें और हजारों हजार जीरो ऑयल भोजन स्वाद के साथ समझौता किए बगैर तैयार करें। तेल ट्रिगलिराइड्स होते हैं और रक्त स्तर 130 एमजी/ डीएल के नीचे रखा जाना चाहिए।
तनाव को कम करें
अपने तनावों को लगभग 50 प्रतिशत तक कम करें. इससे आपको हृदय रोग को रोकने में मदद मिलेगी, क्योंकि मनोवैज्ञानिक तनाव हृदय की बीमारियों की मुख्य वजह है। इससे आपको बेहतर जीवन स्तर बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
रक्त दबाव को 120/80 एमएमएचजी के आसपास
हमेशा ही रक्त दबाव को 120/80 एमएमएचजी के आसपास रखें. बढ़ा हुआ रक्त दबाव विशेष रूप से 130/ 90 से ऊपर आपके ब्लोकेज (अवरोध) को दुगनी रफ्तार से बढ़ाएगा। तनाव में कमी, ध्यान, नमक में कमी तथा यहाँ तक कि हल्की दवाएँ लेकर भी रक्त दबाव को कम करना चाहिए।
वजन को करें नियंत्रित
अपने वजन को सामान्य रखें.आपका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 से नीचे रहना चाहिए। इसकी गणना आप अपने किलोग्राम वजन को मीटर में अपने कद के स्क्वेयर के साथ घटाकर कर सकते हैं। तेल नहीं खाकर एवं निम्न रेशे वाले अनाजों तथा उच्च किस्म के सलादों के सेवन द्वारा आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं।
रोज आधे टहलने की आदत बनाये
नियमित रूप से आधे घंटे तक टहलना जरूरी है. टहलने की रफ्तार इतनी होनी चाहिए, जिससे सीने में दर्द नहीं हो और हाँफें भी नहीं। यह आपके अच्छे कोलेस्ट्रोल यानी एचडीएल कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है।
हल्के योग व्यायाम रोज करें.
15 मिनट तक ध्यान और हल्के योग व्यायाम रोज करें. यह आपके तनाव तथा रक्त दबाव को कम करेगा। आपको सक्रिय रखेगा और आपके हृदय रोग को नियंत्रित करने में मददगार साबित होगा।
भोजन में अधिक सलाद, सब्जियों तथा फलों का प्रयोग
भोजन में रेशे और एंटी ऑक्सीडेंट्स का प्रयोग करें. भोजन में अधिक सलाद, सब्जियों तथा फलों का प्रयोग करें। ये आपके भोजन में रेशे और एंटी ऑक्सीडेंट्स के स्रोत हैं और एचडीएल या गुड कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
मधुमेह को खतरनाक न बनने दें
अगर आप मधुमेह से पीड़ित हैं तो शकर को नियंत्रित रखें. आपका फास्टिंग ब्लड शुगर 100 एमजी/ डीएल से नीचे होना चाहिए और खाने के दो घंटे बाद उसे 140 एमजी/ डीएल से नीचे होना चाहिए। व्यायाम, वजन में कमी, भोजन में अधिक रेशा लेकर तथा मीठे भोज्य पदार्थों से बचते हुए मधुमेह को खतरनाक न बनने दें। अगर आवश्यक हो तो हल्की दवाओं के सेवन से फायदा पहुँच सकता है।
हार्ट अटैक से पूरी तरह बचाव- हार्ट अटैक से बचने का सबसे आसान संदेश है और हार्ट में अधिक रुकावटें न होने दें। यदि आप इन्हें घटा सकते हैं, तो हार्ट अटैक कभी नहीं होगा।