– गोद लिए 10 क्षय रोगियों को पोषाहार किट किए वितरित
– डाॅ. विमल सिंह गुसाईं ने नि-क्षय मित्र बनने पर महाविद्यालय का किया आभार व्यक्त।
पहाड़ का सच,रुद्रप्रयाग
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत नि-क्षय मित्र योजना के तहत राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि ने क्षय रोगियों की मदद के लिए हाथ बढाए हैं। बुधवार को महाविद्यालय के नि-क्षय मित्रों ने गोद लिए 10 क्षय रोगियों को पोषाहार किट वितरित किए।
पीजी कॉलेज अगस्त्यमुनि में प्रभारी प्राचार्य डाॅ. दिलीप सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में क्षय रोगियों को प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाले गुणों से युक्त पोषण सामग्री की किट वितरित की गई। इस अवसर पर नि-क्षय मित्रों ने कहा कि महाविद्यालय की प्राचार्य पुष्पा नेगी द्वारा नि-क्षय मित्र योजना के तहत सामुदायिक सहभागिता के अंतर्गत महाविद्यालय स्टाफ से नि-क्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों की मदद की अपील की थी। उन्होंने कहा कि वे इन सभी 10 टीबी रोगियों के पोषण व उनका इलाज पूरा होने तक उनकी देखरेख का जिम्मा लेते हुए मदद का भरसक प्रसार करेंगे।
अपर वरिष्ठ जिला क्षय अधिकारी डाॅ. विमल सिंह गुसाईं ने नि-क्षय मित्र बनने पर महाविद्यालय का आभार व्यक्त किया। कहा कि टीबी उन्मूलन के संकल्प का साकार करने के लिए सामुदायिक सहभागिता बेहद जरूरी है। उन्होंने दो सप्ताह से अधिक खांसी होना, बलगम, बुखार, वजन का लगातार कम होना, भूख न लगना आदि लक्षण हो तो संबंधित व्यक्ति नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर निःशुल्क बलगम जांच, परामर्श व उपचार प्राप्त कर सकता है।
डीपीसी एनटीईपी मुकेश बगवाड़ी ने द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत नि-क्षय पोषण योजना का संचालन किया जा रहा है, जिसमें पंजीकृत टीबी रोगी को नियमिति रूप से दवाई खाने पर प्रत्येक माह पोषाहार भत्ता के रूप में उपचार अवधि तक पांच सौ रूपए दिया जाता है। साथ ही क्षय रोगी को दवा खिलाने वाले ट्रीटमेंट सपोर्टर को भी एक हजार एवं पांच हजार रुपए दिया जाता है।
कार्यक्रम में डा0 वीके शर्मा, डा0 जितेंद्र सिंह, डा0 एसआर नैथानी, डा0 निधि आदि मौजूद रहे