पहाड़ का सच/एजेंसी
डूंगरपुर। राजस्थान के डूंगरपुर जिले से गुरु शिष्य के रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना सामने आयी है। शिक्षा जगत को शर्मसार कर देने वाले रेप के आरोपी स्कूल प्रिंसिपल रमेश चंद्र कटारा को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उदयपुर संभाग के स्कूल शिक्षा संयुक्त निदेशक ने आदेश जारी कर आरोपी प्रिंसिपल रमेश चंद्र कटारा की सेवाएं समाप्त कर दी है। यह आरोपी प्रिंसिपल अश्लील फिल्में देखने का आदी है। यह अश्लील फिल्में देखकर नाबालिग छात्राओं को अपना शिकार बनाता था। प्रिंसिपल की सताई हुई अब तब आठ पीड़िताएं सामने आ चुकी हैं।
डूंगरपुर जिले के सदर थाना क्षेत्र के एक गांव की सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग छात्राओं ने हाल ही अपने अभिभावकों के साथ जिला कलेक्टर से प्रिंसिपल की शिकायत की थी। पीड़ित छात्राओं ने बताया कि स्कूल का प्रिंसिपल रमेश चंद्र कटारा नाबालिग छात्राओं से स्कूल के कमरों में और अपने घर ले जाकर दुष्कर्म करता है। मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकियां देता है।
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर के निर्देश पर सदर थाना पुलिस ने प्रिंसिपल के खिलाफ रेप और पोक्सो एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। उसके बाद शिक्षा विभाग ने 31 मई को 4 सदस्य जांच दल गठित किया था। जांच टीम ने 31 मई को ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए 8 स्कूली छात्राओं से दुष्कर्म और छेड़छाड़ की पुष्टि की थी। उसके बाद आरोपी प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया था।
वहीं पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल रमेश चंद्र कटारा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। वहां से उसे जेल भेज दिया गया है। उसके बाद शुक्रवार को उदयपुर संभाग स्कूल शिक्षा के संयुक्त निदेशक पुष्पेंद्र कुमार शर्मा ने एक आदेश जारी कर प्रिंसिपल रमेश चंद्र कटारा को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया है आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस घटना ने शिक्षा विभाग की छवि को तार-तार कर दिया है. वही मानवता को भी शर्मसार किया है।