पहाड़ का सच, पौड़ी
निर्मल चंद्र डंडरियाल द्वारा निर्देशित ‘6-ए आकाश गंगा’ ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र फिल्म (60 मिनट से अधिक) के लिए सिल्वर कोंच पुरस्कार जीता। पुरस्कार में रजत शंख (सिल्वर कोंच) और 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
निर्माता निर्देशक निर्मल चंद्र डंडरियाल ने हमें बताया कि यह फिल्म एक आकर्षक अंतरंग वृत्तचित्र है जिसमें एक अदृश्य नायक है जो आपको सम्मोहित करके महान संगीतकार अन्नपूर्णा देवी की एकांतप्रिय और संरक्षित दुनिया में ले जाता है। उनकी चमक और प्रतिभा छिपी रह जाती अगर बांसुरी वादक नित्यानंद हल्दीपुर द्वारा इस अंतरंग कहानी को नहीं सुनाया जाता। नित्यानंद हल्दीपुर इस महान संगीतकार के शिष्य और द्वारपाल थे। वह हमें एक प्रसिद्ध प्रतिभाशाली संगीतकार, गुरु, महिला और पत्नी की आकर्षक कहानी बताते हुए कदम दर कदम अपनी दुनिया में ले जाता है, जिसकी कलात्मक और व्यक्तिगत जिंदगी ने बार-बार अप्रत्याशित मोड़ लिए, जिससे कोई भी व्यक्ति विस्मय में पड़ जाता है और खासा प्रभावित होता है।
इससे पूर्व निर्मल पौड़ी के कल्जीखाल ब्लॉक के सांगुड़ा गांव में खेती किसानी में जुटे एक 83 वर्षीय किसान पंड़ित विद्यादत्त शर्मा के जीवन पर आधारित लघु फिल्म ’’मोती बाग’’ ऑस्कर के लिए चुनी गई थी। एक साधारण व्यक्ति की असाधारण श्रम-साधना पर बनी डॉक्यूमेंट्री ’’मोती बाग’’ उत्तराखण्ड की अब तक की पहली फिल्म है जिसे ऑस्कर जैसे विश्व के सर्वश्रेष्ठ मंच पर प्रदर्शित होने का मौका मिला । दरसल मोतीबाग वयोवृद्ध किसान पंड़ित विद्यादत्त शर्मा के वर्ष 1967 से स्थापित बगीचे का नाम है। जहाँ पर वे वर्षों से अपनी मेहनत के बूते उन्नत खेती कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि लघु फिल्म ’’मोती बाग’’ को केरल में आयोजित अंर्तराष्ट्रीय शार्ट फिल्म समारोह में भी सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री के पुरस्कार से नवाजा गया था। और अब यह फिल्म ऑस्कर जैसे सर्वश्रेष्ठ मंच पर पुरस्कार की दौड़ में शामिल हो गई है। पलायन, पर्यावरण, खेती-किसानी, श्रम साधना की महत्ता और वर्तमान व्यवस्था पर चोट करती डॉक्यूमेंट्री एक आम किसान के इर्द-गिर्द घटते घटनाक्रम की जीवंत कहानी है। फिल्म की पटकथा वास्तविक घटनाओं पर आधारित है जो पहाड़ के एक किसान के जीवन पर फिल्माई गई थी। फिल्म का निर्देशन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्मल चन्द्र डंडरियाल ने किया था । फिल्म में स्वयं विद्यादत्त शर्मा ने ही अपना किरदार निभाया था । इस फिल्म में किसी भी काल्पनिक पात्रों को नहीं रखा गया था कल्जीखाल ब्लॉक के साधारण किसान के जीवन पर बनी लघु फिल्म ’’मोती बाग’’ का विश्व फिल्म जगत के सबसे बड़े मंच ऑस्कर के लिए नामित होना न केवल पौड़ी गढ़वाल अपितु पूरे उत्तराखंडवासियों के लिए गर्व की बात थी।
निर्मल चंद्र डंडरियाल ने बताया कि उन्होंने अभी तक 10 अधिक वृत चित्रों का निर्देशन किया है, उनकी ज्यादातर फ़िल्में अंतर्राष्ट्रीय समारोह में बेहतर प्रदर्शन कर चुकी है, जबकि कई फिल्मों का बीबीसी , एनडीटीवी व दूरदर्शन चैनलों पर प्रसारित किया जा चुका है. उनको सिनेमा में उत्कृष्ता के लिए भारत के राष्टृपति से तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं.
बताते चले कि निर्मल चंद्र डंडरियाल, जिला पौड़ी गढ़वाल के अंतर्गत एकेश्वर ब्लॉक स्थित ग्राम दूणी के मूल निवासी है. उनकी इस उपलब्धि से उनके गावं में भी खुशी का माहौल है. उन्होंने अपने गावं के साथ हे पूरे पौड़ी जिले का नाम भी रोशन किया है .