– प्रकरण में कई बडे सफेद पोश व बडे अधिकारियों का भी हाथ
– साहनी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले अजय व अनिल गुप्ता को किसका संरक्षण प्राप्त
– इस तरह की घटनाओं से लगातार देवभूमि उत्तराखण्ड कलंकित
पहाड़ का सच, देहरादून
उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने दून के प्रतिष्ठित बिल्डर सरदार सतेन्द सिंह साहनी के द्वारा आठवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या किये जाने पर शोक व्यक्त करते हुए उनके परिजनों प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है।
उन्होंने कहा कि इस हत्या के पीछे किसका हाथ है यह सरकार से छिपा नही है क्योंकि उन्होंने जो सुसाईड नोट लिखा है उसमें स्पष्ट तौर पर उनको प्रताडित करने वाले प्रभावशाली लोगों का नाम भी लिखा है अब देखना यह है कि पुलिस कितनी निष्पक्षता से जॉच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करती है और जो अन्य षड़यंत्रकारी पर्दे के पीछे हैं उनके गिरेवान तक पुलिस के हाथ पहुॅचते हैं या नही ?
क्योंकि कहा जा रहा है कि इस पूरे प्रकरण में कई बडे सफेद पोश व बडे अधिकारियों का भी हाथ है और बिल्डर साहनी ने अपने मुत्यु से पहले उक्त प्रकरण की शिकायत भी की थी, आंखिर उस पर समय रहते कार्यवाही क्यों नही हुई ? यह एक बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि स्व. साहनी ने सुसाईड नोट में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि ’’सेव माई फैमली’’ इसका मतलब साफ है कि उनके परिवार को भी जान का खतरा है यह बहुत बड़ा सवाल है कि उनके परिवार की सुरक्षा के लिए अभी तक पुलिस प्रशासन के द्वारा क्या कदम उठाये गये है।
करन माहरा ने कहा कि स्व. साहनी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले अजय व अनिल गुप्ता को किसका संरक्षण प्राप्त है इसकी सरकार को उच्च स्तरीय जॉच करनी चाहिए। उन्होंने गुप्ता बन्धुओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये लोग दक्षिण अफ्रिका में भी वाछिंत रहे हैं और यह लोग अन्य कई अपराधों में भी सम्मिलित हो सकते हैं। इनकी गतिविधियां पहले से ही संदिग्ध रही हैं।
उन्होंने कहा कि गुंप्ता बन्धुओं की राजनीतिक पहॅुच़ काफी ऊॅची है। उन्होंने कहा कि गुप्ता बंन्धुओ की पहले से हीर संदिग्ध गतिविधियां रही हैं जो सरकार से छिपी नही है,ं इसके बावजूद भी आज तक ना भारत सरकार और ना ही उत्तराखण्ड सरकार ने कोई कार्यवाही की है जिससे उनके राजनीतिक पहॅुच का अंदाजा लगाया जा सकता है।
करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार की लचर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती रही है परन्तु सरकार के काून में जूॅ तक नही रैंग रही है, जिसका खामयाजा साहनी को झेलना पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार नाम की चीज नजर नहीं आ रही है।
मुख्यमंत्री व उनकी सरकार संवेदनहीन हो चुकी है और उसकी पराकाष्ठा यह है कि पुलिस प्रशासन को सूचना देने के बावजूद भी कोई कार्यवाही ना होने पर कल देहरादून के प्रतिष्ठित उद्योगपति ने आत्महत्या करने को मजबूर हो गया। इस तरह की घटनाओं से लगातार देवभूमि उत्तराखण्ड कलंकित हो रहा है। उन्होंने सरकार से इस काण्ड की उच्च स्तरीय जॉच कराने की मांग की है।