पहाड़ का सच/एजेंसी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की एक रैली के दौरान कथित तौर पर ‘ईशनिंदा’ संबंधी टिप्पणी करने पर गुस्साई भीड़ ने एक व्यक्ति की सरेआम पीट-पीट कर हत्या कर दी। एक स्थानीय मौलवी निगार आलम को तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी द्वारा आयोजित एक रैली में भाषण देने के लिए कहा गया था।
TOI के अनुसार रैली शनिवार की रात मर्दान जिले के सावलधेर गांव में आयोजित की गई थी। बता दें कि इसी जिले में अप्रैल 2017 में साथी छात्रों द्वारा इसी तरह के आरोपों पर एक विश्वविद्यालय के छात्र मशाल खान की हत्या कर दी गई थी। पीटीआई की रैली में भाग लेने वाले सैकड़ों लोगों द्वारा मौलवी निगार आलम की हत्या कर दी गई। मर्दान के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोखनजेब खान ने कहा, ‘जब हमने देखा कि भीड़ निगार आलम पर हमला करने वाली है, तो हम उसे पास के बाजार में एक दुकान पर ले गए। लेकिन भीड़ दुकान में घुस गई और उस पर घूंसे, लात और डंडों से हमला करना शुरू कर दिया.’ अधिकारी ने कहा कि आलम की मौके पर ही मौत हो गई और उसके शव को बाद में कानूनी औपचारिकताओं के लिए अस्पताल ले जाया गया. अधिकारी ने कहा, ‘हमने पहली FIR की, लेकिन मामले की संवेदनशीलता के कारण FIR को बंद कर दिया गया है।
लिंचिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर किया गया है। जिसमें पुलिस उन्मादी भीड़ को व्यक्ति को पीटने से रोकने की असफल कोशिश करती दिख रही है। बता दें कि ईशनिंदा पाकिस्तान में एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है और यहां तक कि अप्रमाणिक आरोप भी भीड़ को हिंसा के लिए भड़का सकते हैं। इस फरवरी में, गुस्साई भीड़ लाहौर के एक पुलिस थाने में घुस गई थी. जहां एक ईशनिंदा-आरोपी को थाने से बाहर निकाल कर बेरहमी से मार डाला था.एल।
पूर्व मुस्लिम नास्तिक और ‘द कर्स ऑफ गॉड, व्हाई आई लेफ्ट इस्लाम’ शीर्षक पुस्तक के लेखक हैरिस सुल्तान नामक एक ट्विटर यूजर ने इस घटना का वीडियो शेयर किया। हैरिस सुल्तान ने लिखा, ‘शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, मौलाना निगार आलम नाम के एक मौलवी ने कहा कि मैं इमरान खान से उसी तरह प्यार करता हूं जैसे मैं पैगंबर से करता हूं। इसी बात से भीड़ भड़क गई।