
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 30 दिसम्बर 2025*
🌤️ *दिन – मंगलवार*
🌤️ *विक्रम संवत 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
⛅ *अमांत – 15 गते पौष मास प्रविष्टि*
⛅ *राष्ट्रीय तिथि – 9 पौष मास*
🌤️ *मास – पौष*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – दशमी सुबह 07:50 तक तत्पश्चात एकादशी*
🌤️ *नक्षत्र – भरणी 31 दिसंबर रात्रि 03:58 तक तत्पश्चात कृत्तिका*
🌤️ *योग – सिद्ध 31 दिसंबर रात्रि 01:02 तक तत्पश्चात साध्य*
🌤️ *राहुकाल – शाम 02:51 से शाम 04:07 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 07:12*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:26*
👉 *दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – पुत्रदा एकादशी,(स्मार्त), एकादशी क्षय तिथि*
💥 *विशेष –
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *पुत्रदा एकादशी* 🌷
➡️ *30 दिसम्बर 2025 मंगलवार को सुबह 07:50 से 31 दिसम्बर प्रातः 05:00 तक एकदशी है।*
💥 *विशेष – 30 दिसम्बर 2025 मंगलवार को पुत्रदा एकादशी (स्मार्त) एवं 31 दिसम्बर 2025 बुधवार को पुत्रदा एकादशी (भागवत)*
👉🏻 *31 दिसम्बर 2025 बुधवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।*
🙏🏻 *निर्णयसिन्धु के प्रथम परिच्छेद में एकादशी के निर्णय में 18 भेद कहे गये हैं l*
🙏🏻 *कालहेमाद्रि में मार्कण्डेयजी ने कहा है – जब बहुत वाक्य के विरोध से यदि संदेह हो जाय तो एकादशी का उपवास द्वादशी को ग्रहण करे और त्रयोदशी में पारणा करे ।*
🙏🏻 *पद्म पुराण में आता है कि एकादशी व्रत के निर्णय में सब विवादों में द्वादशी को उपवास तथा त्रयोदशी में पारणा करे ।*
💥 *विशेष ~ अतः इस बार भी शास्त्र अनुसार 31 दिसम्बर को उपवास करें*।
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *भक्ति बढाने हेतु* 🌷
👉🏻 *जिसको अपनी भक्ति बढानी है …. भगवद्गीता का १२वाँ अध्याय पढ़के, भगवद्गीता हाथ में ही रखकर भगवान को प्रार्थना करे: “हे भगवान! भगवद्गीता का १२वाँ अध्याय भक्तियोग नामक अध्याय है। जिसका मैंने आज पाठ किया है। ऐसी कृपा करना प्रभु कि मेरी भक्ति बढ़ जाये। बस मेरी भक्ति बढ़ जाये दाता !! ” दिल से प्रार्थना करोगे न तो सचमुच भगवान के वचन गीता में हैं। और १२वें अध्याय को भक्तियोग नामक अध्याय कहते हैं। वो पाठ करके प्रार्थना की तो भगवान की, गुरु की कृपा क्यों नहीं बरसेगी!! भक्ति बढ़ेगी और वो ही भक्ति सब सुखों की खान है।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
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