
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 13 दिसम्बर 2025*
🌤️ *दिन – शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
⛅ *अमांत – 30 गते मार्गशीर्ष मास प्रविष्टि*
⛅ *राष्ट्रीय तिथि – 22 मार्गशीर्ष मास*
🌤️ *मास – पौष (गुजरात-महाराष्ट्र)मार्गशीर्ष*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – नवमी शाम 04:37 तक तत्पश्चात दशमी*
🌤️ *नक्षत्र – हस्त पूर्ण रात्रि तक*
🌤️ *योग – आयुष्मान सुबह 11:17 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:39 से सुबह 10:55 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 07:03*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:18*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण-
💥 *विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞चंदन — प्रकार, कब लगाएँ और फायदे
कौन-सा चंदन किस दिन/पूजा के लिए उपयुक्त है और लगाने के क्या नियम-नुक़सान हैं।
1)
सफेद चंदन — शीतलता, मानसिक शान्ति। उपयुक्त: सोमवार, विष्णु/शिव की साधारण पूजा।
लाल चंदन — ऊर्जा, साहस, त्वचा संबंधी जलन में लाभ। उपयुक्त: मंगलवार, देवी-पूजा, हनुमान/लक्ष्मी से जुड़ी पूजा।
पीला (गोपी) चंदन — भक्ति, प्रेम, श्रीकृष्ण से जुड़ी भक्ति की पूजा। उपयुक्त: गुरुवार/कृष्ण-भक्ति के अवसर।
सामान्य नियम: स्नान के बाद ही तिलक लगाएँ; तिलक लगाकर मत सोएँ; विवाहित महिलाएं सफेद चंदन से बचें—लाल चंदन या बिंदी उपयुक्त होती है।
2) चंदन के प्रकार —
सफेद चंदन (White Sandalwood)
कब लगाएँ: सोमवार (भगवान शिव), गुरुवार (भगवान विष्णु) या सामान्य पूजा/ध्यान के समय।
मुख्य फायदे: मन को शीतलता, तनाव-निवारण, ध्यान में सहायता; सिरदर्द कम करने में सहायक माना जाता है।
उपयोग: माथे (तिलक), कंठ, नाभि पर हल्का टीका।
लाल चंदन (Red / Rakta Chandan)
कब लगाएँ: मंगलवार (हनुमान), देवी-पूजा (दुर्गा/लक्ष्मी) और उन अवसरों पर जहाँ शक्ति/ऊर्जा माँगी जाती है।
मुख्य फायदे: साहस व पराक्रम बढ़ाने का भाव, धन-समृद्धि के लिए शुभ; सनबर्न/त्वचा जलन में राहत देने वाले पारंपरिक उपयोग।
उपयोग: तिलक के साथ-साथ कभी-कभी सिंदूर/बिंदी के रूप में भी उपयोग।
पीला चंदन / गोपी चंदन (Yellow / Gopi Chandan)
कब लगाएँ: श्रीकृष्ण की आराधना और भक्ति के समय।
मुख्य फायदे: भक्ति भाव, प्रेम, सौंदर्य और सात्त्विकता को बढ़ाता है।
उपयोग: माथे पर मध्यम आकार का तिलक; रंग-घटित टिकिया भी बनाते हैं।
शेष कल ::::::
🌷 *राशि विशेष* 🌷
👉🏻 *मेष और वृश्चिक राशि जिनकी है, उनके जीवन में अगर विघ्न, कष्ट और समस्याये आती है | तो उनको चाहिए मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल है | मंगल गायत्री का जप किया करें |*
🌷 *मंगल गायत्री मंत्र ॐ अंगारकाय विद्महे | शक्तिहस्ताय धीमहि | तन्नो भौम प्रचोदयात |…. ॐ मंगलाय नम: ||*
➡ *ये मंगल गायत्री बोले और हर मंगलवार को मसूर की दाल के दाने थोड़े पक्षियों को डाल दे | और जब स्नान करें तो लाल चंदन का पाउडर मिल जाये तो एक चुटकी पाउडर बाल्टी में डाल दिया थोडा हिलाकर उससे स्नान कर दे | बहुत फायदा होगा |*
👉🏻 *वृषभ और तुला राशि जिनकी है वो शुक्रवार को खीर बना लें | उसमे दूध न दिखे चावल पक जाये (दूध और चावल ) शुक्रवार के दिन वो थोड़ी ठंडी करके गौ माता ( देशी गाय ) को खिलाये | पक्षियों कों थोड़े शुक्रवार को चावल के दाने डाल दे | और थोडा इलायची पाउडर, थोडासा केसर पानी में डाल दिया स्नान कर लिया बहुत लाभ होगा |*
👉🏻 *मिथुन और कन्या राशि उसके स्वामी बुध हैं | कन्या राशि के स्वामी राहू भी माने गये हैं | इस राशिवालों को चाहिए की बुधवार को हरे मूंग थोडे से पक्षियों को डाल दे नहीं तो गाय को दे सकते है | और ॐ गं गणपतये नमः जप करें, विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें, गुरुमंत्र का जप जादा करें |*
👉🏻 *कर्क राशि जिनकी है उसके स्वामी चंद्रदेव माने गये है | कर्क राशिवालों को चाहिए की यथाशक्ति थोड़े चावल पक्षियों को डाले और सोमवार को शिवलिंग पर दूध, जल चढ़ाकर मंत्र बोले –*
🌷 *ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मृक्षीय मामृतात् ।*
➡ *ये भी याद न रहे तो – ॐ हरि ॐ ॐ करते हुए दूध , जल चढ़ा दिया | चंद्रमा को अर्घ्य दे दिया शुक्ल पक्ष में , दूज से पूनम तक अगर न कर पायें तो हर पूनम को दें चद्रंमा को अर्घ्य और मन में बोले की भगवान ने गीता में अपने कहाँ है – नक्षत्र का अधिपति मैं ही हूँ मेरा अर्घ्य स्वीकार करों और मेरे जीवन में दुःख, दरिद्रता दूर करों, तो बहुत फायदा होगा |*
*👉सिंह राशि जिनकी है इसके स्वामी सूर्य हैं | नित्य सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए | अगर सिंह राशिवालों को अगर तकलीफ आती है तो गेहूँ के दाने थोड़े रोज नहीं तो हर रविवार को पक्षियों को डालने चाहिए | और गेहूँ के आटे की रोटी और गुड़ गाय को खिला दे, गाय न मिले तो किसी गरीब को दे दे और गुरुमंत्र का जप खूब करें | रविवार को विशेष ऐसे लोग जिनकी सिंह राशि है जप जादा करें |*
👉🏻 *धनु और मीन जिनकी राशि है | इसके स्वामी भगवान ब्रहस्पतिजी है | लेकिन मीन के स्वामी केतु भी बताये जाते है | तो धनु और मीन राशिवालों को चाहिए की गुरु के प्रति भक्ति खूब बढ़ाये क्योंकि इसके स्वामी ब्रहस्पतिजी है | धनु और मीन राशि जिनकी है वो रोज थोड़ी देर गुरुदेव की तस्वीर सामने रखकर मंत्र बोले – ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |…… ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |*
➡ *गुरुवार को आम के पेड़ को चावल, जल, चने के दाने मिलाकर चढ़ा सकते है और बैठकर थोड़ी देर गुरुमंत्र का जप कर लें | धनु और मीन राशिवाले गुरु उपासना करनी ही चाहिए और मीन राशि वालों को गणपति का जप – ॐ गं गणपतये नमः करना चाहिए | आप जब सत्संग में बैठते है गुरुदेव के तो पूरा ध्यान गुरुदेव के वचनों में होता है वो आदमी गणपतिजी की उपासना कर रहा है | उसकी हर क्षण गणेश पूजा हो रही है | क्योंकि गणेश विवेक के देवता है भगवान गणेश |*
👉🏻 *मकर और कुंभ राशि जिनकी है | इसके स्वामी शनिदेवता है | तो इन राशिवालों को चाहिए की हनुमान चालीसा का पाठ पूरी ना पढ़ सके तो –*
➡ *मनोजवं मारुततुल्य वेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं | वातात्मजं वानरयूथ मुख्यं श्री राम दूतं शरणं प्रपद्ये ||*
💥 *पूरा याद न रहा तो – श्रीरामदूतं शरणम प्रपद्ये | श्रीरामदूतं शरणम प्रपद्ये |*
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