
– यूपीईएस के छात्र, कर्मचारी और समुदाय के सदस्य बिधौली, कांडोली और पौंधा को संवारने के लिए एकजुट

देहरादून। स्वच्छ भारत अभियान की भावना को अपनाते हुए और महात्मा गांधी के स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र के सपने को याद करते हुए, यूपीईएस ने 6 दिसम्बर 2025 को पास के तीन गाँवों – बिधौली, कांडोली और पौंधा – में स्वच्छता अभियान सफलतापूर्वक आयोजित किया।

इन अभियानों में वेस्ट वॉरियर्स – उत्तराखंड के पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील हिमालयी क्षेत्रों में कार्य करने वाला अग्रणी कचरा संग्रह, प्रबंधन और कंसल्टेंसी एनजीओ – तथा जीएस 3 (ग्लोबल सोसाइटी ऑफ सोशल सोल्जर्स) – सृजन सामर्थ इंटर्नशिप टीम, यूपीईएस के मार्गदर्शन में चलने वाला यूपीईएस छात्रों का एनजीओ – का सहयोग रहा। इस कार्यक्रम और वेस्ट मैनेजमेंट गतिविधियों में पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने के उत्साह के साथ 160 से अधिक स्वयंसेवक जुड़े।
यूपीईएस के छात्रों, कर्मचारियों और स्थानीय समुदाय के सदस्यों से बने स्वयंसेवी समूहों ने सड़क किनारे कचरा उठाने से अभियान की शुरुआत की और राहगीरों व स्थानीय लोगों को कचरा संग्रह, अलग-अलग श्रेणियों में छंटाई और जिम्मेदार तरीके से निपटान के बारे में जागरूक किया।
स्वयंसेवकों के प्रयासों से कुल 108 बैग कचरा एकत्र हुआ, जिसे प्लास्टिक, कागज, काँच आदि की अलग-अलग श्रेणियों में छांटा गया। बाद में यह कचरा वेस्ट वॉरियर्स टीम के मार्गदर्शन में हर्रावाला, देहरादून स्थित वेस्ट रीसाइक्लिंग सुविधा तक पहुँचाया गया। इन अभियानों ने एक बार फिर पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ सामुदायिक भागीदारी के प्रति यूपीईएस की प्रतिबद्धता को मजबूत किया।

स्वच्छता अभियानों के लिए स्थानों का चयन संबंधित ग्राम प्रधानों – चरण सिंह, ग्राम प्रधान बिधौली; श्रीमती कोमल, ग्राम प्रधान कांडोली; और शैलेश थपली, ग्राम प्रधान पौंधा – से चर्चा कर किया गया, ताकि गतिविधि का प्रभाव अधिक हो सके। गाँव के निवासियों को प्रेरित करने और अभियान के प्रभावी संचालन में उनका सहयोग इसकी सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा। गाँव के लोगों की भागीदारी भविष्य की गतिविधियों में भी स्थानीय नागरिकों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी और अपने गाँवों को साफ-सुथरा रखने की साझा जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करेगी।
एनजीओ साझेदार वेस्ट वॉरियर्स और जीएस थ्री का योगदान इन अभियानों से और अधिक मजबूत हुआ। वेस्ट वॉरियर्स ने स्वयंसेवकों के लिए सुरक्षित कचरा संग्रह, संभाल और छंटाई पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए और दस्ताने व कलेक्शन बैग जैसे आवश्यक सामान उपलब्ध कराए। जीएस थ्री ने ज़मीनी स्तर पर लोगों को जोड़ने और संवेदनशील बनाने में सहयोग दिया, जिससे यह प्रयास यूपीईएस की व्यापक सामाजिक जिम्मेदारी पहलों से सीधे जुड़ गया।

इस पहल पर टिप्पणी करते हुए, मनीष मदान, रजिस्ट्रार, यूपीईएस ने कहा, “हमारे लिए यूपीईएस में समुदाय को कुछ लौटाना, एक सच्ची ‘यूनिवर्सिटी ऑफ टुमॉरो’ होने का अहम हिस्सा है। ऐसे अभियानों के ज़रिए, जो हमारे कैंपसों के आसपास चलाए जाते हैं, हमारी सततता और सामाजिक जिम्मेदारी की सोच ज़मीन पर दिखाई देती है और सबको गर्व महसूस होता है। हम ग्राम प्रधानों, उनके गाँव के निवासियों, वेस्ट वॉरियर्स, जीएस थ्री और हर छात्र स्वयंसेवक के आभारी हैं, जिन्होंने इस अभियान में हिस्सा लिया। मिलकर हम अपने गाँवों को और स्वच्छ और हरित बना रहे हैं, और इसी प्रक्रिया में जिम्मेदार नागरिक भी तैयार कर रहे हैं।”
यूपीईएस भविष्य में भी ऐसे स्वच्छता अभियानों का नियमित आयोजन करने की योजना बना रहा है, जिसमें सामुदायिक पहुँच को उसकी व्यापक सततता नीतियों से जोड़ा जाएगा। स्थानीय हितधारकों और विशेषज्ञ भागीदारों के साथ मिलकर काम करते हुए, विश्वविद्यालय का उद्देश्य ऐसे पर्यावरण-सचेत नागरिक तैयार करना है, जो उत्तराखंड और व्यापक हिमालयी क्षेत्र के लिए अधिक स्वच्छ, हरित और टिकाऊ भविष्य निर्माण में योगदान दें।
